Friday, March 29, 2024
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'दीदी' ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 31, 2021 11:15 IST
mamata banerjee shocked and stunned by modi govt order over Chief secretary 'दीदी' ने PM मोदी को लिख- India TV Hindi
Image Source : PTI 'दीदी' ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान

कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया।  उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं। यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है।

ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस महत्वपूर्ण घड़ी में अपने मुख्य सचिव को न तो रिलीज कर सकती है और न ही कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने जो आदेश दिया था उसे ही प्रभावी माना जाए। उन्होंने कहा कि संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाए गए कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि मुख्य सचिव को 24 मई को सेवा विस्तार की अनुमति देने और चार दिन बाद के आपके एकपक्षीय आदेश के बीच आखिर क्या हुआ, यह बात समझ में नहीं आई।

ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, "मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है।" ममता बनर्जी ने पत्र में ये भी कहा, "मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से। लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है।"

'यह राज्य सरकारों से लड़ने का समय नहीं'

केंद्र और बंगाल सरकार के इस विवाद पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि यह समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं, बल्कि कोरोना वायरस से मिलकर निपटने का है। केजरीवाल ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का केन्द्र द्वारा अचानक तबादला करने की खबरों मद्देनजर यह बयान दिया।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘यह समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं है, सबके साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का है। यह समय राज्य सरकारों की मदद करने का है, उन्हें टीके उपलब्ध कराने का है। यह सभी राज्य सरकारों को साथ लेकर टीम इंडिया बनकर काम करने का समय है। लड़ाई-झगड़े और राजनीति करने के लिए पूरी ज़िंदगी पड़ी है।’’

इस ट्वीट के साथ ही केजरीवाल ने एक खबर भी साझा की, जिसमें लिखा था कि चक्रवात और कोविड-19 के कारण बंद्योपाध्याय बतौर मुख्य सचिव अपनी सेवाएं जारी रख सकते हैं।

क्या है विवाद?
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवा विस्तार दिये जाने के मात्र चार दिन बाद केन्द्र ने शुक्रवार रात उनकी सेवाएं मांगी और राज्य सरकार से कहा कि वह अधिकारी को तुरंत कार्यमुक्त करे। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम को ‘‘जबरन प्रतिनियुक्ति’’ करार दिया

पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, केन्द्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। केन्द्र ने बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया।

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