Friday, May 03, 2024
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सऊदी अरब ने कतर की मांगों को मानने से किया इंकार

सऊदी अरब ने कतर को लेकर अपने रूख में नरमी बरतने से इनकार करते हुए कहा कि उसकी मांगों पर बातचीत नहीं हो सकती।

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: June 28, 2017 10:20 IST
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वाशिंगटन: सऊदी अरब ने कतर को लेकर अपने रूख में नरमी बरतने से इनकार करते हुए कहा कि उसकी मांगों पर बातचीत नहीं हो सकती। सऊदी अरब ने यह बयान तब दिया जब अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने खाड़ी देशों के संकट पर कतर के विदेश मंत्री से बातचीत की। सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर भी कल वाशिंगटन में थे और विवाद सुलझाने के लिए अमेरिका तथा कुवैत के राजनयिकों के प्रयासों के बीच वह अपने रूख पर कायम रहे। अमेरिका का सहयोगी देश कतर अपने खाड़ी अरब पड़ोसी देशों द्वारा लगाए गए व्यापारिक और कूटनीतिक प्रतिबंध झोल रहा है। (वेनेजुएला के सुप्रीम कोर्ट पर हेलीकॉप्टर से हमला)

जुबेर ने ट्विटर पर कहा, कतर को लेकर हमारी मांगों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। अब यह कतर पर निर्भर करता है कि वह चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों को अपना समर्थन देना बंद करें। सऊदी अरब ने अल-जजीरा को बंद करने, ईरान के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा घटाने और अमीरात में तुर्की का सैन्य अड्डा बंद करने समेत कतर के लिए 13 मांगों की सूची रखी है। अमेरिका ने कहा है कि कुछ मांगें स्वीकार करना कतर के लिए मुश्किल होगा। उसने सऊदी अरब से कहा कि वह उचित और कार्वाई योग्य समस्याओं की सूची रखें।

जुबेर की टिप्पणी के कुछ देर बाद टिलरसन ने कतर के शीर्ष राजनयिक शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि बातचीत सप्ताह भर चलेगी लेकिन उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की मांगें अब भी कतर के लिए चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ मांगें लागू करना कतर के लिए मुश्किल होगा। हम उन देशों से मिलकर काम करने और इसे सुलझाने की अपील करते रहेंगे। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने पांच जून को घोषणा की थी कि वे कतर के साथ सभी संबंध रद्द कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कतर चरमपंथी संगठनों का समर्थन कर रहा है। हालांकि कतर ने इन आरोपों को खारिज किया है।

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