Thursday, May 02, 2024
Advertisement

सोलोमन आइलैंड्स में दूतावास खोलकर चीन को टक्कर देना चाहता है अमेरिका

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि सोलोमन आईलैंड्स के वासियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के मैदान में अमेरिकियों के साथ अपने इतिहास को संजोया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 12, 2022 18:53 IST
China, China United States, United States, Solomon Islands China- India TV Hindi
Image Source : AP FILE US President Joe Biden and China President Xi Jinping.

Highlights

  • अमेरिकी संसद को दी गई विदेश विभाग की एक अधिसूचना में इस तर्क की व्याख्या की गयी है।
  • अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को फिजी की यात्रा के दौरान की।
  • अमेरिका ने इससे पहले भी सोलोमन आइलैंड्स में एक दूतावास खोला था।

वेलिंगटन: अमेरिका का कहना है कि वह सोलोमन आइलैंड्स में एक दूतावास खोलेगा, जिसे दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में चीन के ‘मजबूत होने’ से पहले अमेरिकी प्रभाव बढ़ाने की स्पष्ट योजना कहा जा सकता है। अमेरिकी संसद को दी गई विदेश विभाग की एक अधिसूचना में इस तर्क की व्याख्या की गयी है। यह अधिसूचना एसोसिएटेड प्रेस को प्राप्त हुई है। इस योजना की पुष्टि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को फिजी की यात्रा के दौरान की। ब्लिंकन प्रशांत क्षेत्र के दौरे पर हैं जिसकी शुरुआत आस्ट्रेलिया से हुई है।

ब्लिंकन हवाई की अपनी यात्रा के लिए आज देर शाम फिजी से रवाना हो गये। हवाई में वह जापान और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों की मेजबानी करेंगे और उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किये गये मिसाइल परीक्षणों के मद्देनजर उससे (उत्तर कोरिया से) उत्पन्न खतरे पर विचार विमर्श करेंगे। यह अधिसूचना ऐसे समय आई है, जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन प्रशांत क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, फिजी और अन्य देशों के राजनयिकों से मिल रहे हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि सोलोमन आईलैंड्स के वासियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के मैदान में अमेरिकियों के साथ अपने इतिहास को संजोया है, लेकिन अमेरिका को अपने तरजीही संबंधों को खोने का खतरा था, क्योंकि चीन सोलोमन आइलैंड्स में कुलीन राजनेताओं और कारोबारी लोगों से ‘अति महत्वाकांक्षा के साथ जुड़ना चाहता है।’ 7 लाख की आबादी वाले देश में नवंबर में हुए दंगों के बाद यह कदम उठाया गया है। शांतिपूर्ण विरोध ने दंगे का रूप ले लिया और इसने चीन के साथ देश के बढ़ते संबंधों को लेकर लंबे समय से चल रही क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता, आर्थिक समस्याओं और चिंताओं को भी उजागर किया।

दंगाइयों ने इमारतों में आग लगा दी और दुकानों को लूट लिये। अमेरिका ने इससे पहले भी सोलोमन आइलैंड्स में एक दूतावास खोला था और 5 साल तक दूतावास रखने के बाद 1993 में बंद कर दिया था। तब से, पड़ोसी पापुआ न्यू गिनी के अमेरिकी राजनयिकों को सोलोमन से मान्यता प्राप्त है। दूतावास खोलने की शुक्रवार को की गयी घोषणा हिन्द-प्रशांत के लिए बाइडन प्रशासन की नई रणनीति के अनुरूप है, और चीन के बढ़ते प्रभाव और महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र में सहयोगियों के साथ साझेदारी बनाने पर जोर देती है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह तत्काल नया दूतावास नहीं खोलेगा, बल्कि 1.24 करोड़ डॉलर की प्रारम्भिक स्थापना लागत से जगह लीज पर लेगा। दूतावास सोलोमन आइलैंड्स की राजधानी होनियारा में बहुत ही छोटे स्तर से शुरू किया जाएगा, जिसमें दो अमेरिकी कर्मचारी और करीब पांच स्थानीय कर्मचारी होंगे। फिजी की अपनी यात्रा के दौरान ब्लिंकन ने वहां के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ऐयाज सईद-खैयम और प्रशांत क्षेत्र के अन्य नेताओं से मुलाकात की और क्षेत्रीय मुद्दों, खासकर जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न आपात जोखिम पर बातचीत भी की। वर्ष 1985 के बाद किसी अमेरिकी विदेश मंत्री की फिजी की यह पहली यात्रा थी।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Around the world News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement