Friday, April 26, 2024
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पश्चिमी देशों ने उत्तर कोरिया में मानवाधिकार उल्लंघनों पर उठाए सवाल, चीन ने जताया विरोध

चीन ने अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक को इंटरनेट के जरिये वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने से रोक दिया। अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने चीन के इस कदम की निंदा की और इसे उत्तर कोरिया की ‘‘ज्यादतियों को दुनिया से छिपाने’’ की कोशिश बताया।

IndiaTV Hindi Desk Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 18, 2023 13:40 IST
संयुक्त राष्ट्र- India TV Hindi
Image Source : TWITTER संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र:  चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में चीन का साथ दिया है। दरअसल, अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन की गंभीर स्थिति और वहां बढ़ते दमन का उल्लेख किया, लेकिन चीन और रूस ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की और कहा कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव और बढ़ सकता है। 

चीन ने इंटरनेट के जरिए प्रसारण को रोक दिया

चीन ने अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनौपचारिक बैठक को इंटरनेट के जरिये वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने से रोक दिया। अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने चीन के इस कदम की निंदा की और इसे उत्तर कोरिया की ‘‘ज्यादतियों को दुनिया से छिपाने’’ की कोशिश बताया। वेबकास्टिंग के लिए परिषद के सभी 15 सदस्यों की सहमति आवश्यक है। 

उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ बोलना जारी रखेंगे-अमेरिका

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि प्रसारण रोकने का बीजिंग का प्रयास व्यर्थ रहेगा, क्योंकि बैठक संबंधी जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा और अमेरिका एवं कई अन्य देश उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के हनन और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए उससे पैदा होने वाले खतरों के खिलाफ बोलना जारी रखेंगे। मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी जेम्स टर्पिन ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप पर जारी तनाव क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है और इस तनाव को उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन की गंभीर स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता। 

मानवाधिकारों के उल्लंघन की समस्या से निपटे बिना शांति और निरस्त्रीकरण संभव नहीं-यूएन

उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के मामले पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष जांचकर्ता एलिजाबेथ सैल्मन ने भी ‘‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा और मानवाधिकारों के आपस में जुड़े होने’’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन की समस्या से निपटे बिना शांति और निरस्त्रीकरण संभव नहीं है। संयुक्त राष्ट्र मिशन में चीन के काउंसलर शिंग जिशेंग ने सुरक्षा परिषद में मानवाधिकारों पर चर्चा करने के लिए अमेरिका की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करना किसी भी तरह से रचनात्मक नहीं है। इससे तनाव कम होने के बजाय संघर्ष बढ़ सकता है और इसलिए यह एक गैर-जिम्मेदाराना कदम है।’’ संयुक्त राष्ट्र मिशन में रूस के काउंसलर स्टीफन कुजमेंकोव ने भी मानवाधिकारों पर सुरक्षा परिषद में चर्चा किए जाने की निंदा की।

इनपुट-भाषा

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