Sunday, April 28, 2024
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अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने ब्रह्मांड में ऐसा क्या खोजा कि...आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत फिर आ गया चर्चा में

अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने ब्रह्मांड में अदृश्य डार्क मैटर का एक ऐसा विस्तृत मानचित्र तैयार किया है, जिससे कि दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक रहे आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत फिर चर्चा में आ गया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: April 12, 2023 17:22 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : NASA प्रतीकात्मक फोटो

अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने ब्रह्मांड में अदृश्य डार्क मैटर का एक ऐसा विस्तृत मानचित्र तैयार किया है, जिससे कि दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक रहे आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत फिर चर्चा में आ गया है। दर असल अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रह्मांड में जिस अदृश्य डार्क मैटर विस्तृत मानचित्र तैयार किया है, वह आसमान के एक चौथाई हिस्से में फैला है और इसका विस्तार पूरे ब्रह्मांड में है। अटाकामा कॉस्मोलॉजी टेलीस्कोप (एसीटी) के साथ अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने उक्त मानचित्र तैयार किया है और उनका कहना है कि इससे आइंस्टीन के उस सिद्धांत की पुष्टि हुई है कि कैसे ब्रह्मांड के 14 अरब साल के जीवन काल में संरचनाएं विकसित हुईं ।

इस अनुसंधान पत्र को अभी प्रकाशित नहीं किया गया है और यह एआरएक्सआईवी डॉट ओआरजी में मुद्रण पूर्व अवस्था में प्रकाशित हुआ है और एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए जमा किया गया है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड विज्ञान के प्रोफेसर और एसीटी अनुसंधानकर्ताओं की टीम का नेतृत्व कर रहे ब्लैक शेरविन ने कहा, ‘‘ अबतक सबसे अधिक दूरी तक के डॉर्क मैटर का हमने मानचित्रण किया है और स्पष्ट रूप से इस अदृश्य दुनिया की विशेषता को देख सकते हैं जो लाखों-करोड़ों प्रकाश वर्ष के दायरे में फैली हैं।’’ उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड के 85 प्रतिशत हिस्से के निर्माण को प्रभावित करने के बावजूद डार्क मैटर का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि ये विद्युत चुंबकीय विकिरण जैसे प्रकाश से प्रभावित नहीं है और केवल गुरुत्वाकर्षण से ही इनका पता लगाया जा सकता है।

बिग बैंग से लेकर धरती के जन्म और सीबीएम तक की दी थ्योरी

अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पता लगाया कि कैसे डार्क मैटर सहित भारी संरचनाओं के गुरुत्वाकर्षण ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव पृष्ठभूमि (सीबीएम)विकिरणों को एक नए द्रव्यमान मानचित्र का निर्माण करने के लिए झुका देते हैं। सीएमबी विकिरण ब्रह्मांड के निर्माण, ‘बिग बैंग’ (माना जाता है कि मौजूदा ब्रह्मांड का निर्माण एक विशाल धमाके से हुआ) के बाद से निकलने वाला विसरित प्रकाश है, जिसे ब्रह्मांड विज्ञानी ‘ब्रह्मांड की शिशु तस्वीर’ के रूप में रेखांकित करते हैं। उक्त घटना को अनुमानत: 14 अरब साल हो गए हैं, जिसमें पृथ्वी का जन्म भी शामिल है। माना जाता है कि उससे पहले ब्रह्मांड केवल 3,80,000 साल पुराना था। पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र और खगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक मैथ्यू माधवचेरिल ने कहा, ‘‘हमने बिग बैंग के बाद बिखरे प्रकाश का इस्तेमाल कर विस्तृत मानचित्र तैयार किया है।’

’ टीम ने इसके लिए नेशनल साइंस फाउंडेशन द्वारा चीली की एंडीज पर्वत की ऊंचाई पर स्थित अटाकामा कॉस्मोलॉजी टेलीस्कोप से एकत्र आंकड़ों का इस्तेमाल किया है। माधवचेरिल ने कहा, ‘‘उल्लेखनीय तरीके से यह ब्रह्मांड की दोनों अवस्थाओं, पहली जब वह ‘पिंड’ के रूप में था और 14 अरब साल पहले हुए बिगबैंग के बाद विस्तार, की दर की गणना को प्रस्तुत करता है जिसकी उम्मीद आप आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के आधार पर हमारे आदर्श मॉडल से करते हैं।

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