Friday, April 26, 2024
Advertisement

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की दादागिरी होगी खत्म, भारत और जर्मनी मिलकर निकालेंगे ड्रैगन की हवा

जर्मनी के रक्षामंत्री बोरिस पिस्टोरियस दो दिवसीय यात्रा पर भारत में हैं। उन्होंने यहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा समझौता और अन्य रणनीतिक साझेदारियों पर बातचीत की है। जर्मनी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की हेकड़ी निकालने के लिए भारत के साथ और अधिक सक्रियता से काम करेगा।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: June 07, 2023 6:20 IST
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जर्मन समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस- India TV Hindi
Image Source : FILE रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जर्मन समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस

भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग अपने नए मुकाम पर पहुंचने वाले हैं। जर्मनी से 6 विध्वंसक पनडुब्बियों की खरीद का खाका तैयार होने के बाद अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देश बेहद आक्रामक रुख अपनाने वाले हैं। भारत और जर्मनी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर अब चीन की दादागीरी का समूल नाश कर देंगे। जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने मंगलवार को अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ बातचीत के बाद कहा कि छह स्टील्थ पनडुब्बियों की खरीद संबंधी भारत की परियोजना की दौड़ में जर्मनी का उद्योग "अच्छी जगह" पर है। यह वार्ता प्रमुख सैन्य मंचों के संयुक्त विकास और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित रही। वार्ता से परिचित अधिकारियों ने कहा कि भारतीय पक्ष ने पिस्टोरियस को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की आक्रामकता के बारे में अवगत कराया और पश्चिमी देशों से पाकिस्तान को महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियां मिलने के संभावित जोखिमों पर नयी दिल्ली की आशंकाओं से भी अवगत कराया।

वार्ता के बाद, पिस्टोरियस ने संवाददाताओं से कहा कि नयी दिल्ली के साथ बर्लिन के रणनीतिक संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अप्रत्याशित स्थिति के संदर्भ में अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। यह टिप्पणी संबंधित क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आई। उन्होंने भारत के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए जर्मनी के दृष्टिकोण का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा कि भारत को हथियार देने के लिए यूरोप की अनिच्छा के मद्देनजर नयी दिल्ली ने रूस की ओर देखा। पिस्टोरियस ने भारत के साथ रक्षा संबंधों पर एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हम अब महसूस कर रहे हैं कि रूस का सितारा डूब रहा है।" उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से हमने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बारे में भी बात की थी। युद्ध का प्रभाव यहां तक, दुनिया के हर कोने में है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है और भारत हथियारों के लिए रूस पर अपनी निर्भरता को महत्वपूर्ण रूप से तथा जल्द कम करने की बहुत कोशिश कर रहा है जो वर्तमान में 60 प्रतिशत पर है।

जर्मनी ने कहा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ साझेदारी और करेंगे मजूबत

’’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति के बारे में पिस्टोरियस ने कहा कि जर्मनी और यूरोप ने राजनीतिक प्रभावों पर पर्याप्त ध्यान दिए बिना चीन के साथ आर्थिक संबंधों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिस्टोरियस के साथ वार्ता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जर्मनी साझा लक्ष्यों पर आधारित ‘‘अधिक जीवंत’’ रक्षा संबंध बना सकते हैं। पिस्टोरियस ने जर्मन भाषा में मीडिया से कहा, "मुझे लगता है कि हमें भारत के साथ साझेदारी में उस क्षेत्र (हिंद-प्रशांत) में और अधिक काम करना चाहिए, क्योंकि हम उस समय के करीब आ रहे हैं, जब हम वास्तव में भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि अगले कुछ वर्षों में क्या होने वाला है।

" उन्होंने कहा, "और हमें भारत और इंडोनेशिया जैसे सामरिक भागीदारों की आवश्यकता है।’’ पनडुब्बी परियोजना का जिक्र करते हुए पिस्टोरियस ने कहा कि छह पनडुब्बियों की प्रस्तावित खरीद से संबंधित प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और जर्मन उद्योग अनुबंध की दौड़ में ‘‘अच्छे स्थान’’ पर है। थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (टीकेएमएस) कंपनी 43,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए बोली लगाने को तैयार है। जर्मन रक्षा मंत्री ने कहा, "हम टीकेएमएस के सौदे के बारे में बात कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें

यूएस सीनेट को संबोधित करने के लिए उत्सुक पीएम मोदी, कहा-अमेरिका के साथ वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर भारत को गर्व

महासागर में महासमर की तैयारी कर रहा हिंदुस्तान, नौसेना की स्वदेशी टॉरपीडो ने पानी में ला दिया तूफान

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement