(गाजा पट्टी): बमों और मिसाइलों की बारिश से खंडहर हो चुके गाजा में फिर से उम्मीदों के फूल खिलने लगे हैं। दरअसल इजरायल और हमास में 2 साल से चल रहे युद्ध में शुक्रवार दोपहर से संघर्ष विराम लागू होने के बाद शनिवार सुबह तक हजारों फिलिस्तीनी अपने घरों की ओर लौट चुके हैं। वहीं अन्य फिलिस्तीनी भी अपने खंडहर हो चुके घरों की ओर लौटने के लिए राहत शिविरों से प्रस्थान कर चुके हैं।
अमेरिका की मध्यस्थता में लागू हुआ है युद्धविराम
अमेरिका की मध्यस्थता में यह युद्धविराम समझौता लागू हुआ है। हालांकि यह आगे कब तक स्थाई रहेगा, अभी इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है। मगर शुक्रवार को दोपहर से जैसे ही युद्धविराम लागू करने की इजरायल और हमास की तरफ से घोषणा की गई, तैसे ही हजारों फिलस्तीनी नागरिक उत्तरी गाजा की ओर लौट आए। इस घटनाक्रम ने इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के अंत की उम्मीदें जगा दी हैं।
दिल में दर्द और चेहरे पर जश्न
गाजा के खंडहरों की ओर लौट रहे फिलिस्तीनियों के दिलों में गहरा दर्द है। यह दर्द अपनों को खोने, अपने घरों के खंडहर होने और लंबी त्रासदी झेलने का है। गत 2 वर्षों से लाखों फिलिस्तीनी नागरिकों को खानाबदोश जीवन जीने को मजबूर होना पड़ा है। अपनों की मौतों के गम के साथ उन्हें भूख-प्यास और इलाज के लिए भी तड़पना पड़ा है। इन सबके बावजूद अब अपने घरों की ओर लौट रहे फिलिस्तीनियों के चेहरे पर घर वापसी का जश्न है और उम्मीदों की नई मुस्कान है।

सोमवार तक रिहा होंगे इजरायली बंधक
समझौते के तहत हमास द्वारा बंधक बनाए गए शेष सभी 48 इजरायलियों और अन्य लोगों को सोमवार तक रिहा किया जाना है। इन बंधकों में से करीब 20 के जीवित होने की उम्मीद है। इस समझौते के बावजूद गाजा के भविष्य को लेकर कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। विशेषकर यह कि इजरायली सेना की आंशिक वापसी के बाद गाजा पर शासन कौन करेगा और क्या हमास अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की युद्धविराम योजना के अनुसार हथियार डाल देगा?
नेतन्याहू ने दी है नई चेतावनी
युद्धविराम लागू होने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हमास ने अपने हथियार नहीं डाले तो इजरायल फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समझौते में हमास की सहमति इसलिए मिली, क्योंकि उसे लगा कि ‘‘तलवार अब भी उसकी गर्दन पर लटकी है।’’ नेतन्याहू ने आगे बताया कि समझौते के अगले चरण में हमास को पूरी तरह निःशस्त्र किया जाएगा और गाजा को "असैन्यीकृत क्षेत्र" बनाया जाएगा। एक वरिष्ठ इजरायली सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, इजरायली सेना अभी भी गाजा के लगभग 50 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण बनाए रखेगी।
7 अक्टूबर से शुरू हुई थी इजरायल-हमास की भीषण जंग
गौरतलब है कि यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए 5000 से अधिक रॉकेट हमलों और जमीनी हमले के बाद से शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 1,200 इजरायली लोग मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इजरायल ने बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिससे गाजा में भारी तबाही मची। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 67,000 से अधिक फिलस्तीनी मारे जा चुके हैं और लगभग 1,70,000 लोग घायल हुए हैं। इस युद्ध और उसके दुष्परिणामों ने न केवल मध्य-पूर्व को बल्कि वैश्विक राजनीति को भी गहरे रूप से प्रभावित किया है। (एपी)