Wednesday, April 24, 2024
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हिंद महासागर में चीन से निपटने की नई रणनीति, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे मालदीव, देंगे खास उपहार

क्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन की यात्रा पर आज मालदीव पहुंचे। वे मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी और विदेश मंत्री अब्दुल्ला शहिद के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह से भी मिलेंगे।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: May 01, 2023 16:35 IST
हिंद महासागर में चीन से निपटने की नई रणनीति, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे मालदीव, देंगे खास उपहार- India TV Hindi
Image Source : ANI हिंद महासागर में चीन से निपटने की नई रणनीति, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे मालदीव, देंगे खास उपहार

Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मालदीव पहुंच गए हैं। वे यहां तीन दिन रहेंगे।  इस दौरान वे मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने की दिशा में बैठक करेंगे। चीन के हिंद महासागर में बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर हिंद क्षेत्र में भारत की रणनीति के तहत राजनाथ सिंह की मालदीव यात्रा काफी अहम है। भारत और मालदीव के पीछे सबंध कभी खट्टे तो कभी मीठे रहे हैं। यानी जब जब भी मालदीव से भारत के संबंध असहज रहे, इसके पीछे कहीं न कहीं चीन की भूमिका और हिंद महासागर क्षेत्र में उसका बढ़ता प्रभुत्व है। हालांकि भारत के मालदीव के साथ पारंपरिक संबंध रहे हैं। ऐसे में राजनाथ सिंह की मालदीव यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन की यात्रा पर आज मालदीव पहुंचे। वे मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी और विदेश मंत्री अब्दुल्ला शहिद के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलेह से भी मिलेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार विचार विमर्श में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों के पूरे परिदृश्य की समीक्षा की जायेगी।

राजनाथ सिंह मालदीव को सौंपेंगे ये खास उपहार

इस दौरान भारत की ओर से मालदीव को तेज गति का एक गश्ती पोत और एक छोटा जलपोत सौंपेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मालदीव में जारी परियोजना के स्थलों का दौरा करेंगे और भारतीाय समुदाय से भी मिलेंगे।

भारत और मालदीव एक दूसरे को देते हैं प्राथमिकता

भारत और मालदीव समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कट्टरवाद, पाइरेसी, तस्करी, संगठित अपराध और प्राकृतिक आपदा सहित साझा चुनौतियों के समाधान के लिए मिल कर काम कर रहे हैं। इस क्षेत्र के सभी देशों की सुरक्षा और विकास के लिए भारत के दृष्टिकोण ‘पड़ोसी पहले‘ और मालदीव की ‘भारत पहले‘ नीति से हिंद महासागर क्षेत्र में क्षमताओं का साझा विकास तय हो सकेगा। 

मालदीव के तख्तापलट के दौरान भारत ने किया था सहयोग

मालदीव भारत के मुख्य भूमि से दक्षिण.पश्चिम तट के करीब हिन्द महासागर में स्थित द्वीप समूह से बना एक देश है। इस द्वीपसमूह में कुल 1192 द्वीप हैं जिनमें से दो सौ द्वीपों पर लोग बसे हुए हैं। मालदीव के साथ भारत के सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। जब.जब इस द्वीपीय देश पर कोई संकट आया है तो भारत ने बिना कोई देर किए सबसे पहले मदद की है। मिसाल के तौर पर 1988 में जब मालदीव में तख्तापलट की कोशिश हुई तो इसे भारत ने नाकाम किया था।

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