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सरबजीत सिंह के हत्यारे का लाहौर में मर्डर, अज्ञात हमलावर ने आमिर तांबा को मारी गोली

पाकिस्तीनी जेल के अंदर सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर तांबा को आज लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में अज्ञात बाइक सवार ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Swayam Prakash Published : Apr 14, 2024 18:28 IST, Updated : Apr 14, 2024 18:45 IST
Amir Tamba- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अमीर तांबा ने सरबजीत सिंह की लाहौर जेल के अंदर की थी हत्या

लाहौर: पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह के हत्यारे आमिर सरफराज उर्फ तांबा की लाहौर में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में बाइक सवार हमलावरों ने तांबा पर फायरिंग कर दी। इसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। बता दें कि सरबजीत को पाकिस्तानी अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया था और 2013 में लाहौर जेल के अंदर उनकी हत्या कर दी गई थी।

हाफिज सईद का था बेहद करीबी

गौर करने वाली बात ये है कि तांबा की हत्या पाकिस्तान में हो रहीं सिलसिलेवार रहस्यमयी मौतों से जुड़ी हो सकती है, जो या तो भारत में वांटेड अपराधी थे या आतंकवादी हमलों में शामिल थे। तांबा के पिता का नाम सरफराज जावेद है। इसका जन्म 1979 में लाहौर में हुआ था और वह लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद का बेहद करीबी था।

कौन थे सरबजीत सिंह?

सरबजीत सिंह का जन्म पंजाब के तरनतारन जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित भिखीविंड में हुआ था। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, वह एक किसान थे, जो 1990 के दशक की शुरुआत में भटककर पाकिस्तान चले गए थे। इसके बाद पाकिस्तान की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम विस्फोट में कम से कम 14 लोगों की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार द्वारा मौत की सजा को बार-बार स्थगित किया गया था।

इसके बाद अप्रैल 2013 में लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह पर साथी कैदियों - अमीर सरफराज उर्फ तांबा और मुदस्सिर मुनीर ने ईंटों और लोहे की रॉड से हमला कर दिया था और फिर 6 दिन बाद लाहौर के जिन्ना अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हालांकि सरबजीत को मौत की सज़ा मिलने के बाद से मामला राजनीतिक हो गया था, लेकिन 2013 में जेल में उनकी हत्या के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने पड़ोसी देश से अपने भाई की रिहाई के लिए कड़ी लंबी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन असफल रहीं। बाद में 2022 में अमृतसर में उनकी भी मृत्यु हो गई। 

सरबजीत की हत्या के लिए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, लेकिन पाकिस्तानी अदालत ने 2018 में "सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष के गवाहों के मुकरने के कारण" आरोपियों को बरी कर दिया था।

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