Tuesday, April 30, 2024
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में EEF को किया संबोधित, जानें क्या-क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के व्लादिवोस्तक में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम को संबोधित किया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 05, 2019 13:57 IST
PM Narendra Modi | Twitter- India TV Hindi
PM Narendra Modi | Twitter

व्लादिवस्तोक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूस के व्लादिवोस्तक में ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम को संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने इस फोरम में आमंत्रित करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आभार जताया। फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह सुबह का उजाला व्लादिवस्तोक की धरती से होकर पूरी दुनिया में फैलता है, उसी तरह उम्मीद है कि यहां हो रहा मंथन भी पूरी मानवजाति के कल्याण के प्रयासों को नई ऊर्जा देगा।

'चुनावों से पहले ही पुतिन ने दे दिया था न्योता'

फोरम को संबोधित करते हुए PM ने कहा, 'राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे यह निमंत्रण आम चुनाव के पहले दिया था। 130 करोड़ भारतीयों ने राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण और मुझ पर भरोसा जताया।' प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का फार ईस्ट के लिए लगाव और उनका विजन इस क्षेत्र के लिए ही नहीं, भारत जैसे पार्टनर्स के लिए अभूतपूर्व अवसर लेकर आया है। उन्होंने कहा, 'कल राष्ट्रपति पुतिन के साथ मैंने स्ट्रीट ऑफ दि फार ईस्ट इग्जिबिशन देखी। यहां की विविधता, लोगों की प्रतिभा और टेक्नोलॉजी के विकास ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। इनमें प्रगति और सहयोग की अपार संभावनाएं मैंने महसूस की है।'

'हम प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन पर विश्वास करते हैं'
PM मोदी ने कहा, ‘मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि फार ईस्ट और व्लादिवस्तोक के रैपिड, संतुलित और समावेशी विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन का विजन जरूर कामयाब होगा। मित्रों, भारत की प्राचीन सभ्यता के मूल्यों ने हमें सिखाया है कि प्रकृति से उतना ही लें, जितने की जरूरत है। हम प्राकृतिक संसाधनों के संवर्धन पर विश्वास करते हैं। प्रकृति के साथ यही तालमेल सदियों से हमारे अस्तित्व और विकास का अहम हिस्सा रहा है। मैंने और राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस सहयोग के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखे हैं। हमारे संबंधों में हमने नए आयाम जोड़े हैं, उनको विविधता दी है। संबंधों को सरकारी दायरे से बाहर लाकर प्राइवेट इंडस्ट्री के बीच ठोस सहयोग तक पहुंचाया है।’

'व्लादिवोस्तोक में काउंसलेट खोलने वाला भारत पहला देश'
भारत और रूस के बेहतरीन संबंधों के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत वह पहला देश था जिसने व्लादिवोस्तोक में काउंसलेट खोला। तब भी और उससे भी पहले भारत और रूस की दोस्ती में बहुत भरोसा था। सोवियत रूस के समय में व्लादिवोस्तोक आने पर विदेशियों पर पाबंदी थी, लेकिन यह भारतीय नागरिकों कि लिए खुला था। व्लादिवोस्तोक के जरिए बहुत सा साजो-सामान भारत पहुंचता है। अब इस भागीदारी की जड़ें और गहरी हुई हैं।'

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