Sunday, May 05, 2024
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Afghanistan Crisis: अफगान संकट पर चर्चा के लिए ब्रिटेन में संसद की बैठक होगी

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को अपनी कैबिनेट की आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई क्योंकि तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की तरफ बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद नाटो के अन्य सहयोगियों की तरह ब्रिटेन ने भी अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 15, 2021 22:49 IST
अफगान संकट पर चर्चा के लिए ब्रिटेन में संसद की बैठक होगी - India TV Hindi
Image Source : AP अफगान संकट पर चर्चा के लिए ब्रिटेन में संसद की बैठक होगी 

लंदन। ब्रिटेन के सांसदों को गर्मी की छुट्टियों से वापस बुलाया जा रहा है ताकि अफगानिस्तान में खराब होती स्थिति पर संसद में चर्चा की जा सके। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि बुधवार को एक दिन के लिए संसद की बैठक होगी जहां संकट पर सरकार की प्रतिक्रिया पर बहस होनी है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को अपनी कैबिनेट की आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई क्योंकि तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की तरफ बढ़ता जा रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद नाटो के अन्य सहयोगियों की तरह ब्रिटेन ने भी अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया। ‘द संडे टेलीग्राफ’ ने खबर दी कि अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत लॉरी बेयरेस्टो को सोमवार की सुबह तक अफगानिस्तान से बाहर निकाल लिया जाएगा।

विदेश मंत्रालय ने इस खबर पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि ब्रिटेन के शेष नागरिकों और ब्रिटिश बलों के साथ काम करने वाले अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए वहां 600 सैनिक भेजे जाएंगे। अफगानिस्तान को छोड़ने के लिए ब्रिटेन के कई सांसदों ने जॉनसन की सरकार की आलोचना की है। 

तालिबान से मुलाकात के लिए अफगान नेता परिषद का गठन करेंगे 

अफगान नेताओं ने तालिबान से मुलाकात करने और सत्ता हस्तांतरण के प्रबंधन के लिए एक समन्वय परिषद का गठन किया है। इससे पहले तालिबान ने राजधानी काबुल में अपना कब्जा जमा लिया था। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए एक बयान में कहा कि परिषद का नेतृत्व ‘हाई काउन्सिल फॉर नेशनल रीकन्सीलिएशन’ के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला, हिज्ब ए इस्लामी के प्रमुख गुलबुदीन हिकमतयार और वह खुद करेंगे। बयान में कहा गया कि यह निर्णय अराजकता को रोकने, लोगों की समस्याओं को कम करने तथा शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के लिए लिया गया है।

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