Thursday, May 02, 2024
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अमेरिका की फंडिंग रुकने से WHO को झटका, नुकसान का कर रहा आकलन, दूसरे देशों से मदद की आस

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसुस संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का वित्त पोषण रोके जाने के अमेरिका के फैसले पर बुधवार को जमकर बरसे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 16, 2020 9:53 IST
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ट्रंप के वित्त पोषण रोकने की घोषणा करने के बाद WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसुस ने एजेंसी का बचाव किया। AP File

जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसुस संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी का वित्त पोषण रोके जाने के अमेरिका के फैसले पर बुधवार को जमकर बरसे। टेड्रोस ने साथ ही वादा किया कि वह संस्था के फैसलों की समीक्षा करेंगे। हालांकि उन्होंने कथित कुप्रबंधन, कुछ गतिविधियों पर पर्दा डालने और गलत कदम उठाने के बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शिकायतों को नजरंदाज भी कर दिया। ट्रंप के वित्त पोषण रोकने की घोषणा करने के बाद WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसुस ने एजेंसी का बचाव किया। बता दें कि ट्रंप के फैसले से WHO को काफी बड़ा झटका लगा है।

ट्रंप के फैसले के खिलाफ बिल गेट्स

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि WHO चीन से विषाणु के नमूने हासिल करने में नाकाम रहा और उसने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों का विरोध करने का ‘विनाशकारी फैसला’ किया। दुनियाभर के देशों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ट्रंप के कदम पर चिंता जताई और आगाह किया कि इससे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ प्रयास कमजोर हो सकते हैं। बिल गेट्स और माइकल ब्लूमबर्ग जैसे परोपकारियों ने यूरोपीय और अफ्रीकी नेताओं तथा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ सुर में सुर मिलाते हुए WHO का पक्ष लिया और जोर दिया कि अमेरिका को संकट के समय में वित्त पोषण रोकना नहीं चाहिए।

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टेड्रोस ने कहा कि इस महामारी से निपटने में WHO के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी जो पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने की ‘सामान्य प्रक्रिया’ है। उन्होंने कहा, ‘हम WHO का वित्त पोषण रोकने के अमेरिका के राष्ट्रपति के फैसले पर खेद जताते हैं। WHO अमेरिकी वित्त पोषण वापस लेने के कारण हमारे काम पर पड़ने वाले असर की समीक्षा कर रहा है और हम किसी भी वित्तीय कमी को पूरा करने के लिए अपने साझेदारों के साथ काम करेंगे। अभी के लिए हमारा ध्यान विषाणु को रोकने और जिंदगियों को बचाने पर है।’ अमेरिका ने अप्रैल तक कोरोना वायरस से निपटने में मदद के लिए WHO द्वारा गठित आपात निधि में कम से कम 1.5 करोड़ डॉलर का शुरुआती योगदान दिया है।

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