Sunday, April 28, 2024
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जस्टिन ट्रूडो अपने आरोपों पर अडिग, कहा-"हमने इस मुद्दे पर अपने साझेदारों से संपर्क साधा, बावजूद भारत ने हमारे 40 राजनयिकों को निकाला"

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के खिलाफ अपने आरोपों को फिर दोहराया है। हालांकि अब उनके तेवर ठंडे पड़ गए हैं। ट्रूडो ने कहा कि हम अब भी अपने पूर्व के आरोपों पर अडिग हैं। हमारे पास पर्याप्त तथ्य हैं कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 12, 2023 16:05 IST
जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री।- India TV Hindi
Image Source : AP जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फिर एक बार खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए अपने आरोपों को दोहराया है। भारत-कनाडा विवाद को लेकर कनाडाई पीएम का कहना है, "हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम इस गंभीर मामले पर भारत के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहते हैं। शुरुआत से ही हमने वास्तविक आरोपों को साझा किया है ,जिनके बारे में हम गहराई से चिंतित हैं। हमने इसकी तह तक जाने के लिए, इसे गंभीरता से लेने के लिए भारतीय सरकार और दुनिया भर के साझेदारों से संपर्क किया। यही कारण है कि भारत ने वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया और नई दिल्ली में 40 से अधिक कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक छूट को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया तो हमें बहुत निराशा हुई।

ट्रूडो ने कहा कि हमारे पास यह मानने के गंभीर कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल हो सकते हैं। बावजूद भारत ने प्रतिक्रिया के तौर पर वियना संधि का उल्लंघन करके कनाडाई राजनयिकों के एक पूरे समूह को बाहर निकाल दिया। भारत की ओर से उठाया गया यह कदम दुनिया भर के देशों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यदि कोई देश यह निर्णय ले सकता है कि दूसरे देश के राजनयिक अब उनके यहां सुरक्षित नहीं हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और अधिक खतरनाक और अधिक गंभीर बना देता है।

ट्रूडो ने कहा-विवादों के बावजूद भारत के साथ काम करने की इच्छा

कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा कि इन विवादों के बावजूद हम भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हर कदम पर हमने भारत के साथ रचनात्मक और सकारात्मक रूप से काम करने की कोशिश की है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे और इसका मतलब है कि भारत सरकार के राजनयिकों के साथ काम करना जारी रखेंगे। यह कोई ऐसी लड़ाई नहीं है जो हम अभी करना चाहते हैं लेकिन हम स्पष्ट रूप से हमेशा कानून के शासन के लिए खड़े रहेंगे..."।

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