Friday, March 29, 2024
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प्लाज्मा चढ़ाने के बाद COVID19 से संक्रमित तीन भारतीय-अमेरिकियों की हालत में सुधार

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि इसमें कोविड-19 से ठीक हुए लोगों के शरीर से 'एंटीबॉडी रिच प्लाज्मा' लेकर गंभीर मरीजों में चढ़ाया जाता है। 'एंटीबॉडी' रक्त में मौजूद प्रोटीन होता है जो कि खास तरह के जीवाणु और विषाणु से लड़ता है। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 13, 2020 11:41 IST
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Image Source : AP 3 Indian-Americans show recovery after transfused with plasma from recovered COVID19 patients

ह्यूस्टन (अमेरिका)। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराए गए तीन भारतीय अमेरिकियों की हालत में प्लाज्मा चढ़ाए जाने के बाद सुधार के संकेत दिखाई दिए हैं। कोविड-19 की दवा बनने में अभी कई महीने लगने की आशंका है और तेजी से बढ़ते नए मामलों के मद्देनजर टेक्सास और देशभर में डॉक्टर पुराने तरीकों पर आधारित नए उपचार का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन ये कितने कारगर साबित होंगे इसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता। 

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि इसमें कोविड-19 से ठीक हुए लोगों के शरीर से 'एंटीबॉडी रिच प्लाज्मा' लेकर गंभीर मरीजों में चढ़ाया जाता है। 'एंटीबॉडी' रक्त में मौजूद प्रोटीन होता है जो कि खास तरह के जीवाणु और विषाणु से लड़ता है। कोरोना वायरस संक्रमण की कोई दवा नहीं होने के कारण चिकित्सक और वैज्ञानिक चिकित्सा के इस तरीके पर गौर कर रहे हैं क्योंकि इसमें खतरा कम है और पुरानी महामारियों से पार पाने में भी यह थेरपी मददगार रही थी। 

बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन से जुडे़ डॉक्टर अशोक बालासुब्रमण्यम ने बताया कि ह्युस्टन के सेंट ल्यूक मेडिकल सेंटर में पांच मरीजों का इलाज ऐसे प्लाज्मा से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित तीन भारतीय अमेरिकियों का यहां इलाज जारी है और उन्हें प्लाज्मा चढ़ाने के लिए उनके ब्ल्ड ग्रुप के डोनर भी मिल गए हैं जो हाल ही में संक्रमण मुक्त हुए हैं।

अस्पातल के सूत्रों ने बताया कि इन मरीजों में ठीक होने के संकेत दिख रहे हैं और इस प्रक्रिया को दोहराने के लिए नए डोनर को ढूंढा जा रहा है। ह्यूस्टन कॉलेज ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय में एक स्वास्थ्य सेवा शोधकर्ता लोलो एदेपोजू ने कहा, 'दवा आने में अभी 12 से 18 महीने लगेंगे और हमारे पास इंतजार करने का समय नहीं है।' उन्होंने कहा, 'दवा आने तक हम क्या कर सकते हैं। 'कॉन्वलसेंट प्लाज्मा' (थेरपी) यकीनन विकल्पों में से एक है।'

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