दानापुर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल तैयारियों में जुटे हुए हैं। चुनाव में अब बहुत ही कम वक्त बचा है। ऐसे में बिहार की हॉट सीटों को लेकर जनता के बीच काफी दिलचस्पी है। इन्हीं हॉट सीट्स में से एक बिहार की दानापुर विधानसभा सीट है।
दानापुर से इस बार मैदान में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। यहां बीजेपी से राम कृपाल यादव और आरजेडी से रीतलाल यादव के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। अब देखना ये होगा कि वोटिंग के बाद जनता किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधती है।
बिहार में कब से हैं विधानसभा चुनाव?
बिहार में इस बार के विधानसभा चुनाव 2 फेजों में होंगे। पहले फेज के लिए वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे फेज के लिए वोटिंग 11 नवंबर को होगी। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे। यहां मुख्य मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच है। इसके अलावा इस बार के चुनाव में नई पार्टी जनसुराज भी मैदान में है, जिसके संस्थापक चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर हैं।
दानापुर में क्या है सियासी गणित?
2005 से 2015 तक इस सीट से बीजेपी की आशा सिन्हा जीतीं लेकिन 2020 में RJD के रीतलाल यादव जीते और तब से लेकर अब तक वह इस सीट का नेतृत्व कर रहे हैं। बीजेपी और आरजेडी एक बार फिर इस सीट को लेकर आमने-सामने है और दोनों ही पार्टियों के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
दानापुर सीट बिहार की राजनीति में अहम भूमिका अदा करती है। यहां 3.5 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं। यहां मेट्रो और एलीवेटेड रोड जैसी तमाम परियोजनाएं हैं, जो मुख्य फोकस में हैं। इसके अलावा यहां बाढ़, स्वास्थ्य सुविधाएं और जल निकासी जैसी तमाम समस्याएं एक बड़ा मुद्दा हैं।
यहां यादव वोटरों की संख्या ज्यादा है। इसके बाद एससी और मुस्लिम वोटर्स हैं। इसीलिए यहां पर दोनों कैंडीडेट यादव जाति के ही हैं, जिनके बीच कांटे की टक्कर है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि मौजूदा विधायक और आरजेडी से प्रत्याशी रीतलाल यादव रंगदारी के मामले में जेल में बंद हैं।


