Nalanda Assembly Constituency: बिहार के विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। सभी दलों ने चुनावी जनसभाएं शुरू कर दी हैं। टिकट को लेकर बैठकों का दौर भी जल्द ही शुरू होने वाला है। बिहार की खास सीटों की बात करें तो नालंदा विधानसभा सीट इनमें से एक है। बिहार के नालंदा जिले में स्थित नालंदा विधानसभा सीट सामान्य श्रेणी की एक महत्वपूर्ण सीट है, जो नालंदा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।
हमेशा चर्चा में रही ये सीट
यह सीट ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि नालंदा विश्वविद्यालय जैसे वैश्विक ख्याति प्राप्त स्थल इसी जिले में हैं। राजनीतिक रूप से भी यह सीट हमेशा चर्चा में रही है। जहां सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है। आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर कांटे की टक्कर की उम्मीद है।
कुर्मी, यादव और OBC वोटर हैं निर्णायक भूमिका में
नालंदा विधानसभा सीट नालंदा जिले की सात विधानसभा सीटों में शामिल है, जिसमें से एक सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। नालंदा सीट पर कुर्मी, यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, सामान्य वर्ग और दलित मतदाताओं की भी अच्छी-खासी संख्या है। यह सीट शहरी और ग्रामीण मतदाताओं का मिश्रण है, जिसके चलते यहां स्थानीय मुद्दे जैसे बेरोजगारी, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ जातीय समीकरण भी चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं।
एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नालंदा सीट पर एक बार फिर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। एनडीए में बीजेपी, जदयू, लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, और वामपंथी दल जैसे CPI(ML) शामिल हैं। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी इस सीट पर प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि उनकी यात्रा ने बिहार में एक नया राजनीतिक माहौल बनाया है।
जानिए क्या है जातीय समीकरण?
नालंदा में कुर्मी मतदाता जेडीयू के लिए मजबूत आधार प्रदान करते हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं कुर्मी समुदाय से हैं। वहीं, यादव मतदाता राजद का पारंपरिक वोट बैंक हैं। दलित और महादलित मतदाता भी इस सीट पर निर्णायक हो सकते हैं, उनकी पसंद एनडीए या महागठबंधन के पक्ष में जा सकती है। सामान्य वर्ग के मतदाता, खासकर भूमिहार और ब्राह्मण, बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
श्रवण कुमार ने तीन बार की मारी हैट्रिक
नालंदा विधानसभा सीट पर पिछले तीन बार से जेडीयू उम्मीदवार श्रवण कुमार की जीत हो रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो यहां से जेडीयू के श्रवण कुमार ने जीत दर्ज की थी। जेडीयू उम्मीदवार ने जनतांत्रिक विकास पार्टी के उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार को हराया था। तीसरे नंबर पर यहां से कांग्रेस के गुंजन पटेल रहे थे।
2015 में बीजेपी के उम्मीदवार को हराया
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में नालंदा विधानसभा सीट से जेडीयू के श्रवण कुमार ने ही जीत दर्ज की थी। श्रवण कुमार ने बीजेपी के कौशलेंद्र कुमार को हराया था।
श्रवण कुमार ने RJD उम्मीदवार को हराया
2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के श्रवण कुमार ने जीत दर्ज की थी। जेडीयू के उम्मीदवार को 61532 वोट मिले थे। आरजेडी के उम्मीदवार अरुण कुमार दूसरे नंबर पर रहे थे। आरजेडी के उम्मीदवार को 37030 वोट मिले थे।