Thursday, April 25, 2024
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दिल्ली दंगों के आरोपी छात्र कार्यकर्ता नताशा, देवांगना, आसिफ की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

दिल्ली के उत्तर पश्चिम इलाके में संशोधित नागरिकता (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले साल हुए दंगे के मामले में गिरफ्तार तीन छात्र कार्यकर्ताओं को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत के विरूद्ध दायर दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 18, 2021 8:43 IST
Hearing on Delhi Police Plea Against Bail For 3 Activists In Supreme Court Tomorrow- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली दंगे के मामले में गिरफ्तार तीन छात्र कार्यकर्ताओं को मिली जमानत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

नयी दिल्ली: दिल्ली के उत्तर पश्चिम इलाके में संशोधित नागरिकता (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले साल हुए दंगे के मामले में गिरफ्तार तीन छात्र कार्यकर्ताओं को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत के विरूद्ध दायर दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार (18 जून) को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रह्मण्यन की अवकाश पीठ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट का निष्कर्ष दस्तावेज के प्रतिकूल एवं विपरीत है और ऐसा प्रतीत होता है कि यह अधिक सोशल मीडिया के कथानक पर अधारित है।

आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। बता दें कि कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 जून को देवगण कालिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तनहा को जमानत दे दी थी लेकिन निचली अदालत से उन्हें तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश बृहस्पतिवार को आया। इससे पहले उन्होंने हाईकोर्ट से रिहाई की औपचारिकता पूरी होने में देरी की शिकायत की थी। 

हाईकोर्ट ने सुबह के अपने आदेश में निचली अदालत से आरोपियों की रिहाई के मामले पर तत्परता से गौर करने को कहा था। दिल्ली की अदालत ने अपने आदेश में उनकी तुंरत रिहाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया आरोपियों को जेल में रखने की तार्किक वजह नहीं हो सकती। दिल्ली पुलिस ने इसके बाद तीन अलग-अलग याचिकाओं के जरिये नरवाल, कालिता और तनहा को हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने के आदेश को चुनौती दी। 

तीनों को मई महीने में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम या यूएपीए के सख्त प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने शीर्ष अदालत में दायर याचिका में हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा मंगलवार को दिए गए फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि राज्य की असंतोष दबाने की चिंता ने प्रदर्शन के अधिकार और आतंकवादी गतिविधि की रेखा धुंधली कर दी और अगर ऐसी मानसिकता बढ़ी तो लोकतंत्र के लिए दुखद दिन होगा। 

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