Saturday, December 27, 2025
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उत्तर प्रदेश के स्कूलों में छात्रों का अखबार पढ़ना हुआ जरूरी, 'नो बुके, ओनली बुक' कैंपेन भी लॉन्च; पढ़ें डिटेल

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सेकेंडरी और बेसिक प्राइमरी स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए अखबार पढ़ना आवश्यक कर दिया है।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Dec 27, 2025 11:32 am IST, Updated : Dec 27, 2025 11:32 am IST
सांकेतिक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PEXELS सांकेतिक फोटो

उत्तर प्रदेश के सभी सेकेंडरी और बेसिक प्राइमरी स्कूलों में छात्र अब डेली एक्टिविटी के तौर पर अखबार पढ़ेंगे। राज्य सरकार ने सभी सेकेंडरी और बेसिक प्राइमरी स्कूलों में छात्रों के लिए रोज़ाना की गतिविधि के तौर पर अखबार पढ़ना जरूरी कर दिया है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल हैंडल @basicshiksha_up से एक पोस्ट में भी जानकारी साझा की है। पोस्ट में कहा गया है कि इस पहल का मकसद बच्चों में पढ़ने की रुचि, लॉजिकल सोच, बोलने की स्किल्स और जागरूक नागरिकता के मूल्यों को विकसित करना है।

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (सेकेंडरी और बेसिक प्राइमरी एजुकेशन) पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा 23 दिसंबर को जारी किए गए आदेश में स्कूल लाइब्रेरी में हिंदी और अंग्रेजी दोनों अखबार उपलब्ध कराने की बात कही गई है। आदेश में कहा गया है, "रोजाना सुबह की असेंबली के दौरान अखबार पढ़ने के लिए कम से कम 10 मिनट दिए जाने चाहिए। इस दौरान, छात्र बारी-बारी से नेशनल, इंटरनेशनल और स्पोर्ट्स खबरों से मुख्य एडिटोरियल और बड़ी खबरों को पढ़कर सुनाएंगे।"

इस एक्टिविटी को भी किया गया शुरू

इस आदेश में "आज का शब्द" नाम की एक गतिविधि भी शुरू की गई है, जिसमें अखबारों से पांच कठिन शब्द चुने जाएंगे और शब्दावली को बेहतर बनाने के लिए नोटिस बोर्ड पर दिखाए जाएंगे। सरकार का मानना ​​है कि इस पहल से न सिर्फ स्टूडेंट्स की जनरल नॉलेज यानी जीके, वोकैबुलरी, क्रिटिकल थिंकिंग, एकाग्रता और सोशल अवेयरनेस बढ़िया होगी, बल्कि यह उन्हें प्रतियोगी परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार करेगी और उन्हें फेक न्यूज़ के प्रति जागरूक भी करेगी।

अखबार पढ़ने के अलावा, स्कूलों को स्टूडेंट्स को अलग-अलग एक्टिविटीज़ में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जैसे- अपना खुद का स्कूल अखबार या मैगज़ीन पब्लिश करना। क्लास 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स को हफ्ते में एक बार एडिटोरियल लिखने और क्लास में ग्रुप डिस्कशन में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये निर्देश 2 नवंबर को जारी पिछले आदेश के सिलसिले में हैं, जिसके तहत राज्य ने छात्रों में किताबें पढ़ने की आदत डालने और मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के ज़्यादा इस्तेमाल को कम करने के लिए एक बड़ा रीडिंग कैंपेन शुरू किया था।

आदेश से छात्रों को मिली जिला लाइब्रेरी में जाने की परमिशन

इस आदेश से छात्रों को सरकारी जिला लाइब्रेरी में जाने की इजाज़त मिली, उनके लिए हर हफ्ते कम से कम एक नॉन-सिलेबस किताब लेना जरूरी कर दिया गया, और अधिक पढ़ने वाले छात्रों के लिए तारीफ सर्टिफिकेट जैसे इंसेंटिव शुरू किए गए।

ट्रॉफी के बजाय किताबें की जाएंगी गिफ्ट

इसके अलावा, "नो बुके, ओनली बुक" कैंपेन भी शुरू किया गया है, जिसके तहत स्कूल फंक्शन में ट्रॉफी के बजाय किताबें गिफ्ट की जाएंगी। सीनियर अधिकारियों ने बताया कि दोनों आदेश सभी डिविजनल शिक्षा अधिकारियों, जिला स्कूल इंस्पेक्टरों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए गए हैं, साथ ही पूरे राज्य में इन्हें पूरी तरह लागू करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। (With PTI Input)

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