Friday, April 19, 2024
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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंडिया टीवी कॉन्क्लेव में कहा, 'अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र संवैधानिक रास्ते अपना सकता है'

अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र एक अध्यादेश ला सकता है, इसपर कोई भी खुलासा करने से बचते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां कहा कि केंद्र 'विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए संवैधानिक रास्ते अपना सकता है।'

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 28, 2018 23:36 IST
Ravi Shankar Prasad Chunav Manch- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Ravi Shankar Prasad Chunav Manch

जयपुर: अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र एक अध्यादेश ला सकता है, इसपर कोई भी खुलासा करने से बचते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहां कहा कि केंद्र 'विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए संवैधानिक रास्ते अपना सकता है।'

 
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर यहां दिनभर चले कॉन्क्लेव 'चुनाव मंच' में सवालों के जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा, 'हमारे पास दो रास्ते बचे हैं। एक है मंदिर निर्माण का संवैधानिक रास्ता और दूसरा, उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस केस की जल्द सुनवाई करे।'
 
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दाखिल 14 याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की अपील को ठुकराते हुए जनवरी के पहले हफ्ते में इसकी सुनवाई तय की थी। आरएसएस और अन्य सहयोगी संगठनों ने मांग की है कि केंद्र एक अध्यादेश लाकर अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए विवादित भूमि सौंप दे। 
 
यह पूछे जानेपर कि क्या केंद्र सरकार अध्यादेश का सहारा लेगी, कानून मंत्री ने कहा: 'मैं केवल इतना कह सकता हूं कि संवैधानिक दायरे में इस मुद्दे का शीघ्र समाधान होगा। मैं जानता हूं कि आप मुझसे हेडलाइन चाहते हैं। हमारे पास दो रास्ते बचे हैं, एक है संवैधानिक रास्ता और दूसरा हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर जल्द सुनवाई करे।'
 'संवैधानिक दायरे में काम होगा। संवैधानिक दायरा बहुत व्यापक होता है।'
 
कानून मंत्री ने कहा: 'मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है जब नेता हमारे पास आते हैं और मुझसे कहते हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट एड्ल्टरी पर एक महीने में फैसला दे सकता है, सबरीमाला विवाद पर तीन महीने में फैसला दे सकता है, अर्बन नक्सल पर दो महीने में, कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर रात के दो बजे कोर्ट बैठ सकती है तो फिर राम लला के मुद्दे पर ऐसा क्यों नहीं? मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मुद्दे पर तत्काल सुनवाई करेगा।'
 
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर कि न्याय मिलने में देरी भी अन्याय है, कानून मंत्री ने कहा: 'मैं भागवत जी के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मुझे नहीं करना चाहिेए, यदि वे ऐसा बयान देते हैं, कानून मंत्री के तौर पर मेरी भी सीमाएं हैं।'
 
'मुझे आशा है कि सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में समाज (हिंदू) की भावनाओं को ध्यान में रखेगा। ऐसी मुझे उम्मीद है।'
 
योग गुरु स्वामी रामदेव की इस टिप्पणी पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में यदि राम मंदिर नहीं बनता है तो यह बड़ी असफलता होगी, कानून मंत्री ने कहा: 'मैं केवल इतना कह सकता हूं कि हम लोगों के भरोसे को टूटने नहीं देंगे। हमारा देश पूरी तरह से परिपक्व है।' 
 
कानून मंत्री प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती दी कि राम मंदिर और तीन तलाक पर वे अपनी पार्टी का रुख साफ करें। एक तरफ तो वे पुष्कर मंदिर में गोत्र बताते हैं और दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में उनके वकील अयोध्या मुद्दे की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद करने की पैरवी करते हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि वोट बैंक की राजनीति है।'

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