Saturday, April 26, 2025
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फिल्‍मों की 'प्‍यारी मां' जिसने 2 बार की शादी फिर भी रहीं अकेली, बेटे ने छोड़ दिया था साथ, गिरने से हुई थी मौत

यह दिग्गज अभिनेत्री 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कभी खुशी कभी गम' और 'कल हो ना हो' जैसी फिल्मों में मां और दादी की भूमिका निभाने के लिए मशहूर थी। 2012 को गंभीर बीमारी से जूझते हुए पुणे के एक अस्पताल में उनका निधन हुआ।

Written By: Himanshi Tiwari @Himanshi200124
Published : Mar 17, 2025 16:48 IST, Updated : Mar 17, 2025 16:55 IST
Achala Sachdeva
Image Source : INSTAGRAM एक्ट्रेस का कंगाली में कटा आखिरी दौर

बॉलीवुड ने हमें कई ऐसे स्टार दिए हैं, जिन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग और किरदारों से सभी का दिल जीत लिया। भले ही वे अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका काम दर्शकों के बीच आज भी चर्चित है और उन्हें खूब पसंद किया जाता है। आज हम एक ऐसे ही दिवंगत बॉलीवुड अभिनेत्री के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और कई फिल्मों में मां और दादी की भूमिकाएं निभाने के लिए मशहूर हुईं। आपको 'ए मेरी जोहरा जबीं' गाना तो याद ही होगा। इसमें बलराज साहनी के साथ अचला सचदेव नजर आई थीं। ये गाना आज भी उतना ही पॉपुलर है, जितना उस वक्त था। इसकी कास्ट से लेकर कहानी तक, लोग आज भी भूल नहीं पाए हैं।

एक्ट्रेस के अंतिम समय में बेटे ने छोड़ा साथ 

हम किसी और की नहीं बल्कि चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर बॉलीवुड में अपना करियर शुरू करने वाली अचला सचदेव की बात कर रहे हैं। वह 'आरजू' (1965), 'वक्त' (1965), 'मेरे नाम जोकर' (1970), 'हरे राम हरे कृष्णा' (1971), 'चांदनी' (1989), 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (1995), 'कभी खुशी कभी गम' (2001), 'कल हो ना हो' (2003) जैसी फिल्मों में मां और दादी के किरदार में नजर आई थी। फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (1995) में सिमरन यानी काजोल की दादी का रोल प्ले कर उन्होंने सभी का ध्यान खींचा। 30 अप्रैल 2012 को अकेलेपन से परेशान और लंबी बीमारी से जूझते हुए पुणे के एक अस्पताल में उनका निधन हुआ। अंतिम समय में उनके यूएस में रह रहे बेटे ज्योतिन ने उनकी कोई सुध भी नहीं ली।

'मदर ऑफ बॉलीवुड' का 6 दशक तक रहा जलवा

3 मई, 1920 को पेशावर, पाकिस्तान में जन्मी अचला सचदेव आचार्य पंजाबी परिवार से थीं। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो (AIR) लाहौर में रेडियो एनाउंसर बन काम किया। बंटवारे के बाद, उनका परिवार पेशावर से दिल्ली आ गया और उन्होंने AIR दिल्ली में अपना काम फिर से शुरू कर दिया। उस समय उन्होंने कई फिल्मी हस्तियों का इंटरव्यू लिया और फिल्मों में कैमियो रोल में भी नजर आई। इन्होंने 250 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और 6 दशक तक इंडस्ट्री पर राज करती रहीं। न सिर्फ हिंदी सिनेमा में बल्कि तीन पंजाबी और एक गुजराती फिल्मों में भी नजर आ चुकी थी।

दो शादियों के बाद भी रहीं तन्हा

1950 में, उन्हें फिल्म 'दिलरुबा' में देव आनंद की बहन की भूमिका निभाने का मौका मिला, जिसने उन्हें जबरदस्त नेम-फेम मिला और इसके बाद उन्हें कई बिग बजट फिल्मों का ऑफर भी मिला। बाद में, वह 'संगम', 'फुटपाथ', 'दिल एक मंदिर' और 'मिस मैरी' जैसी फिल्मों में दिखीं। अचला सचेदव ने 1938 में आई फिल्म 'फैशनेबल वाइफ' से डेब्यू किया था। इसे धीरूभाई देसाई ने डायरेक्ट किया था। अचला सचदेव ने दो बार शादी की थी। पहले पति ज्ञान सचदेव से और बाद में क्लिफोर्ड डगलस पीटर्स से शादी कर ली।

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