Wednesday, December 17, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. Explainers
  3. Explainer: भारत के एक-चौथाई जमीन वाले नामीबिया की जनसंख्या सिर्फ 30 लाख क्यों है?

Explainer: भारत के एक-चौथाई जमीन वाले नामीबिया की जनसंख्या सिर्फ 30 लाख क्यों है?

नामीबिया भारत के एक-चौथाई क्षेत्रफल के बावजूद सिर्फ 30 लाख की आबादी वाला देश है। आखिर इतने बड़े देश की जनसंख्या इतनी कम क्यों है?

Written By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Jul 09, 2025 11:59 am IST, Updated : Jul 09, 2025 12:43 pm IST
Namibia population low, PM Modi Namibia visit, India Namibia relations- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL नामीबिया के एक बड़े इलाके में रेगिस्तान पसरा हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नामीबिया की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह यात्रा भारत और नामीबिया के बीच रिश्तों को और मजबूत करने का एक अहम कदम मानी जा रही है। लेकिन इस मौके पर एक सवाल जो मन में उठता है वह ये है कि नामीबिया, जो कि भारत के एक-चौथाई जमीन जितना बड़ा है, उसकी आबादी सिर्फ 30 लाख के आसपास क्यों है? इसे यूं समझिए कि इस देश का क्षेत्रफल करीब उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जितना है लेकिन आबादी दिल्ली की एक-चौथाई भी नहीं है। आखिर ऐसा क्यों है? आइए, समझने की कोशिश करते हैं।

नामीबिया की यात्रा पर क्यों हैं PM मोदी?

पीएम मोदी जो उनकी पांच देशों (घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, और नामीबिया) की यात्रा का आखिरी पड़ाव है। PM मोदी की यह यात्रा भारत और नामीबिया के बीच व्यापार, ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है। वह नामीबिया की संसद को संबोधित करेंगे और राष्ट्रपति नेटुम्बो नांदी-नदित्वासे मुलाकात करेंगे। साथ ही, भारत के यूपीआई (UPI) को नामीबिया में लागू करने और महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग जैसे मुद्दों पर बात होगी।

Namibia population low, PM Modi Namibia visit, India Namibia relations

Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नामीबिया के दौरे पर हैं।

नामीबिया की कम आबादी की वजहें

नामीबिया दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका में बसा एक खूबसूरत मुल्क है, जिसका क्षेत्रफल करीब 8,24,000 वर्ग किलोमीटर है। यह भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग एक-चौथाई है। वहीं, इसकी आबादी सिर्फ 30 लाख के आसपास है जबकि भारत की आबादी 140 करोड़ से ज्यादा है। नामीबिया की आबादी इतनी कम होने के पीछे कई भौगोलिक, ऐतिहासिक और सामाजिक कारण हैं। आइए, इन कारणों को एक-एक कर समझते हैं:

  1. रेगिस्तानी भूगोल और कठिन जलवायु: नामीबिया का ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तानी है, जिसमें नामीब रेगिस्तान (दुनिया का सबसे पुराना रेगिस्तान) और कालाहारी रेगिस्तान शामिल हैं। यहां बारिश बहुत कम होती है, और पानी की कमी के कारण खेती-बाड़ी करना मुश्किल है। ज्यादातर जमीन बंजर है, जिसके चलते लोग कम जगहों पर ही बस पाए हैं, जैसे कि राजधानी विंडहोक और तटीय इलाकों में। भारत की तरह उपजाऊ मैदानों और नदियों की बहुतायत नामीबिया में नहीं है, इसलिए वहां बड़े पैमाने पर आबादी का बसना मुमकिन नहीं हुआ।
  2. कठिन जलवायु और संसाधनों की कमी: नामीबिया दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां जनसंख्या घनत्व सबसे कम है। इस मुल्क का जनसंख्या घनत्व मात्र लगभग 3.6 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर है। इसका मतलब है कि इस ठीक-ठाक बड़े देश में आबादी पूरी तरह बिखरी हुई है। इसकी तुलना अपने देश भारत से करें तो यहां जनसंख्या घनत्व 450 लोग प्रति वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा है। नामीबिया की कठिन जलवायु और संसाधनों की कमी के कारण लोग शहरों या उपजाऊ इलाकों में ही रहते हैं।
  3. ऐतिहासिक कारण और औपनिवेशिक प्रभाव: नामीबिया पर 19वीं और 20वीं सदी में जर्मनी और फिर दक्षिण अफ्रीका का औपनिवेशिक शासन रहा। इस दौरान स्थानीय लोगों, खासकर हरेरो और नामा समुदायों का बड़े पैमाने पर दमन हुआ। 1904-1908 के बीच जर्मन औपनिवेशिक शासन के दौरान हरेरो और नामा जनजातियों का नरसंहार हुआ, जिसमें लाखों लोग मारे गए। इसने आबादी को बहुत कम कर दिया। इसके बाद, 1990 में आजादी तक, दक्षिण अफ्रीका के शासन ने भी आबादी के विकास को सीमित रखा।
  4. आर्थिक और सामाजिक ढांचा: नामीबिया की अर्थव्यवस्था खनन (हीरे, यूरेनियम, कोबाल्ट) और पर्यटन पर आधारित है, लेकिन खेती और उद्योग सीमित हैं। रोजगार के कम मौके और शहरीकरण की धीमी रफ्तार के कारण लोग बड़े शहरों में कम ही बसते हैं। साथ ही, नामीबिया में जन्म दर तो ठीक है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और HIV/एड्स जैसे रोगों ने बीते दशकों में आबादी बढ़ने की रफ़्तार को धीमा किया।
  5. सांस्कृतिक और जनजातीय विविधता: नामीबिया में कई जनजातियां, जैसे ओवंबो, हरेरो, और सान, रहती हैं, और उनकी जीवनशैली परंपरागत रही है। सान जैसे कुछ समुदाय खानाबदोश जीवन जीते हैं, जिसके कारण स्थायी बस्तियां कम हैं। यह भी आबादी के बिखरे होने का एक कारण है।

Namibia population low, PM Modi Namibia visit, India Namibia relations
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL
नामीबिया की आधी से ज्यादा आबादी शहरों में रहती है।

कैसे हैं भारत और नामीबिया के रिश्ते?

भारत और नामीबिया का रिश्ता आजादी की लड़ाई से जुड़ा है। भारत ने 1946 में ही संयुक्त राष्ट्र में नामीबिया की आजादी का मुद्दा उठाया था और 1986 में नामीबिया की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली SWAPO पार्टी का दूतावास नई दिल्ली में खोला गया। आज की तारीख में भारत ने नामीबिया में सैकड़ों मिलियन डॉलर का निवेश किया है, खासकर खनन और हीरा उद्योग में। नामीबिया के यूरेनियम और अन्य खनिज भारत की ऊर्जा और तकनीकी जरूरतों के लिए अहम हैं। PM मोदी की यह यात्रा दोनों देशों रिश्तों को और मजबूत करेगी। साथ ही UPI और डिजिटल तकनीक जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग पर बातचीत होने के आसार हैं।

भारत के लिए महत्वपूर्ण साझेदार है नामीबिया

नामीबिया अपनी प्राकृतिक संपदा और रणनीतिक अहमियत के कारण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है। नामीबिया में बीते 27 सालों में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री अपने कदम रखेगा। ऐसे में देखा जाए तो PM मोदी की यह यात्रा न सिर्फ दोनों देशों के बीच दोस्ती को मजबूत करेगी, बल्कि 'ग्लोबल साउथ' के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें Explainers सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement