Friday, March 29, 2024
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PM Modi Gujarat Visit: पावागढ़ शक्तिपीठ के महाकाली मंदिर पर सदियों बाद होगा ध्वजारोहण, शिखर पर मोदी चढ़ाएंगे ध्वजा

पीएम की सुरक्षा को देखते हुए 16 से 18 जून तक महाकाली मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

Nirnay Kapoor Reported by: Nirnay Kapoor @nirnaykapoor
Published on: June 15, 2022 22:40 IST
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Image Source : INDIA TV PM Narendra Modi will pay visit to Shakti Peeth Pavagadh temple.

Highlights

  • अदानशाह पीर की दरगाह के गर्भगृह की छत पर होने के चलते मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा था।
  • दरगाह मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर बनी हुई थी और इसे लेकर कई सालों तक विवाद चला।
  • करीब 4 साल पहले दरगाह को गर्भगृह से हटा कर मंदिर के प्रांगण में ही एक कोने में बना दिया गया।

PM Modi Gujarat Visit: गुजरात की पावागढ़ शक्तिपीठ में स्थित महाकाली माता के मंदिर के शिखर पर अब सैकड़ों सालों बाद ध्वज लहराएगा। इस ऐतिहासिक काम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंजाम देंगे। पीएम मोदी 18 जून को गुजरात के दौरे पर आ रहे हैं और उसी दिन उनकी मां हीराबेन का जन्मदिन भी है। अपनी मां का आशीर्वाद लेने के बाद मोदी जगत जननी मां महाकाली के दर्शन करेंगे, और मंदिर पर ध्वजा भी चढ़ाएंगे। यह क्षण वाकई में ऐतिहासिक है क्योंकि सदियों बाद शक्तिपीठ पावागढ़ में ध्वजा चढ़ने जा रही है।

कई सालों से खंडित था मंदिर का शिखर

दरअसल, कई सालों से मंदिर का शिखर खंडित था और हिंदू मान्यता के मुताबिक खंडित शिखर पर ध्वजा नहीं चढ़ाई जाती। अब मंदिर का पूरी तरह पुनर्निर्माण हो चुका है और सोने से मढ़ा हुआ मां महाकाली का शिखर भी तैयार है। बता दें कि नरेंद्र मोदी भी इस शक्तिपीठ मंदिर में पहली बार जा रहे हैं। जब वह गुजरात के सीएम थे तब भी वह इस मंदिर में नहीं आए थे। अब जब मंदिर का शिखर बन कर तैयार है, तब पीएम के हाथों सारी विधियों के साथ शिखर पर ध्वजा चढ़ाई जाएगी। पीएम की सुरक्षा को देखते हुए 16 से 18 जून तक महाकाली मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

इसलिए नहीं हो पा रहा था मंदिर का पुनर्निर्माण
अदानशाह पीर की दरगाह के चलते मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा था। यह दरगाह मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर बनी हुई थी और इसे लेकर कई सालों तक विवाद चला। यह मामला गुजरात हाई कोर्ट में भी गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। लंबी बातचीत के बाद करीब 4 साल पहले एक समझौते के तहत दरगाह को गर्भगृह से हटा कर मंदिर के प्रांगण में ही एक कोने में बना दिया गया और मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू हुआ। इस भव्य महाकाली मंदिर का का गर्भगृह सोने का बना हुआ है और इसके शिखरों और योगशाला पर कुल मिलकर 12 स्वर्ण मंडित कलश लगे हुए हैं।

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Image Source : INDIA TV
There was a dargah on the roof of Pavagadh Shaktipeeth Mahakali Temple.

वडोदरा में गुजरात गौरव अभियान में हिस्सा लेंगे पीएम
पावागढ़ में ध्वजा चढ़ाने के बाद प्रधानमंत्री वडोदरा जाएंगे। वडोदरा में वह गुजरात गौरव अभियान में हिस्सा लेंगे और 8900 पीएम आवास योजना के आवासों का लोकार्पण करेंगे,  वडोदरा गति शक्ति बिल्डिंग और 16,396 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट का लोकार्पण करेंगे।

मंदिर की छत पर थी अदानशाह पीर की दरगाह
पावागढ़ पहाड़ियों की तलहटी में चंपानेर नाम की जगह है, जिसे महाराज वनराज चावड़ा ने अपने बुद्धिमान मंत्री चंपा के नाम पर बसाया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है। विक्रम संवत 1540 में मुस्लिम सुलतान मोहम्मद बेगड़ो ने इस मंदिर पर हमला किया था। इस मंदिर का पुनर्निर्माण कनकाकृति महाराज दिगंबर भत्रक ने कराया। इस मंदिर को एक जमाने में शत्रुंजय मंदिर कहा जाता था। मंदिर की छत पर मुस्लिमों का एक पवित्र स्थल अदानशाह पीर की दरगाह स्थित थी, जिसे अब प्रांगण के एक कोने में कर दिया गया है। यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

पावागढ़ का इतिहास और इससे जुड़ी रोचक बातें:

  • पावागढ़ गुजरात का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है।
  • पावागढ़ पर्वत पर स्थित शक्तिपीठ 52 शक्तिपीठों में से एक हैं।
  • पावागढ़ की पहाड़ी पर मां काली का प्राचीन मंदिर स्थित है।
  • यहां पर ऋषि विश्वामित्र ने माता काली की कठोर तपस्या की थी।
  • पावागढ़ की ऊंचाई समुंद तल से करीब 762 मीटर है।
  • इस शक्तिपीठ तक पहुंचने के लिए रोपवे और सीढ़ी, दोनों की सुविधा उपलब्ध है।
  • यहां प्रतिवर्ष माध महीने के शुक्ल पक्ष त्रियोदशी को भव्य मेले का आयोजन होता है।
  • कहा जाता है कि यहां लव और कुश ने मोक्ष की प्राप्ति की थी।
  • पावागढ़ जैन संप्रदाय के लिए भी काफी महत्व रखता है।
  • पावागढ़ के गोद में बसे चंपानेर नगर को प्राचीन गुजरात की राजधानी माना जाता है।
  • इस स्थल को वैश्विक संस्था यूनेस्को ने सन 2004 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया।

क्या है पावागढ़ के रावल राजा की कहानी
वडोदरा से करीब 46 किमी दूर पावागढ़ एक पहाड़ पर स्थित है। यहां की एक ऊंची चोटी पर माता काली विराजमान हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह स्थल रावल वंश के शासक से भी जुड़ा है और यहां पर कभी उनका राज हुआ करता था। लोक कथाओं के अनुसार एक बार नवरात्र उत्सव के दौरान गरबा में मां काली एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर शामिल हो गई। वहां के राजा ने गरबा करती हुई उस सुंदर स्त्री पर कुदृष्टि डाली, परिणामस्वरूप मां ने उन्हें शाप दे दिया जिसके कारण उसका राज्य छिन्न-भिन्न हो गया। इसके कुछ वक्त बाद ही मोहमद बेगड़ो ने पावागढ़ को जीत लिया था।

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