लोहारू के ढाणी लक्ष्मण में मनीषा के शव का प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बीच गुरुवार सुबह अंतिम संस्कार हुआ। उनके छोटे भाई नितेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। मामले की सीबीआई जांच और एम्स में पोस्टमार्टम की मांग पूरी होने पर परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुए थे। मनीषा की मौत के नौवें दिन उसका अंतिम संस्कार हुआ। इसमें आईजी राजश्री और एसडीएम मनोज दलाल शामिल हुए। अंतिम संस्कार के बाद पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वहीं, अब मामले के पूर्ण खुलासे और मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद लोगों की निगाहें सीबीआई के खुलासे पर टिकी हुई है। अंतिम संस्कार में परिजनों के अलावा आईजी राजश्री, एसडीएम मनोज दलाल, गुरनाम सिंह चढूनी, सुरेश कोथ, भाजपा नेत्री प्रियदर्शिनी,कमल प्रधान, वरुण श्योराण सहित इलाके के कई संगठनों के सदस्य और ग्रामीण मौजूद रहे।
एसडीएम लोहारू मनोज दलाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि आज बहन मनीषा को अश्रुपूर्ण सम्मान सहित अंतिम विदाई दी गई है, परिजनों और जनभावनाओं को देखते हुए सरकार ने मामले की सीबीआई जांच करने और एम्स में शव का पोस्टमार्टम करने की मांग मान ली थी। सीबीआई द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल में बहन को अंतिम विदाई दी गई है। उन्होंने कहा कि एम्स की रिपोर्ट गोपनीय होती है। जो सीबीआई को बंद लिफाफे में दी जाती है। मामले की सघन जांच जारी रहेगी।
मनीषा के पिता का बयान
मृतका मनीषा के पिता संजय ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सरकार ने उनकी मांगे मान ली है, सीबीआई से जांच होगी। एम्स से रिपोर्ट आएगी। हम से जो भी पूछताछ की जाएगी, प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाएगा। उम्मीद है जो भी मुजरिम हैं उनको पुलिस आगे लाएगी और उनको पूरा न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के लोगों का पूरा सहयोग मिला है। जनता सहयोग से ही सरकार झुकी और उनकी सभी मांगे मानी गई। जनता के सहयोग को कभी नहीं भूला सकता।
पुलिस का बयान
झज्जर की पुलिस कमिश्नर राजश्री ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उन्हें बेटी मनीषा की मौत पर काफी दुख है। इस घटना से पूरा इलाका स्तब्ध है। उन्होंने परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि वे इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ हैं।
किसान नेता ने सरकार पर साधा निशान
किसान नेता गुरनाम सिंह चंढूनी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बहुत दुखदाई घटना है, सरकार को ऐसी घटनाओं पर गंभीर होना पड़ेगा। इस मामले में पहले ही पारदर्शिता से जांच हो जाती तो मामला इतना नहीं बढ़ता। ऐम्स से पोस्टमार्टम करने व सीबीआई जांच की मांग पूरा होने से लोग संतुष्ट हुए है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी प्रभावशाली व्यक्ति को बचाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए, कर अन्यथा फिर लोग उठ खड़े हो सकते हैं। इस मामले में यदि किसी पुलिस अधिकारी की भी गलती है तो खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि इस आंदोलन के दौरान कोई मुकदमा दर्ज हुआ है तो उन्हें भी वापिस लिया जाए और कोई गिरफ्तार किए गए हैं उनको भी रिहा किया जाए।
(रोहतक से सुनील कुमार की रिपोर्ट)