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40 के बाद पुरुषों में बढ़ जाता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

पुरुषों में,40 की उम्र के बाद, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि यह कैंसर अक्सर धीमी गति से बढ़ता है, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए, शुरुआती पहचान और बचाव के तरीकों को जानना बेहद ज़रूरी है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Jun 22, 2025 02:35 pm IST, Updated : Jun 22, 2025 02:35 pm IST
प्रोस्टेट कैंसर - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL प्रोस्टेट कैंसर

पुरुषों में, विशेष रूप से 40 की उम्र के बाद, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि यह कैंसर अक्सर धीमी गति से बढ़ता है, लेकिन इसकी गंभीरता को देखते हुए, शुरुआती पहचान और बचाव के तरीकों को जानना बेहद ज़रूरी है। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों के मूत्राशय के नीचे स्थित एक छोटी, अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है, जो वीर्य का एक हिस्सा बनाने वाले तरल पदार्थ का उत्पादन करती है। गोवा के मणिपाल अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सलाहकार डॉ. जैकब जॉर्ज के अनुसार, प्रोस्टेट मूत्राशय (यूरिनरी ब्लैडर) के आउटलेट के चारों ओर स्थित एक छोटी ग्रंथि है, जो शुक्राणु को सहारा देने वाला तरल पदार्थ बनाती है।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

  • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में

  • पेशाब की पतली धार या पेशाब करने में कठिनाई

  • पेशाब करने के बाद भी मूत्राशय पूरी तरह खाली न होने का एहसास होना

  • बार-बार मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) होना

  • पेशाब में खून आना।

  • अगर कैंसर हड्डियों तक फैल जाए तो रीढ़ की हड्डी या कूल्हे की हड्डी में दर्द होना

नियमित कराएं जांच 

परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास है तो 40 या 45 साल की उम्र से पहले स्क्रीनिंग शुरू करें। प्रोस्टेट कैंसर का पता अक्सर जांच के दौरान रक्त में प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) के स्तर में वृद्धि के रूप में चलता है। यह रक्त परीक्षण प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) के स्तर को मापता है। डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE): इसमें डॉक्टर प्रोस्टेट ग्रंथि में किसी भी असामान्यता का पता लगाने के लिए जांच करते हैं। ट्यूमर का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी या पीईटी/सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग विधियों का उपयोग किया जा सकता है। 

कैसे करें अपना बचाव:

प्रोस्टेट कैंसर को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ जीवनशैली बदलाव और नियमित जांच से इसके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है:

  • हेल्दी डाइट करें फॉलो: अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। ये एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होते हैं। टमाटर, तरबूज, और चुकंदर जैसे लाल फलों और सब्जियों में लाइकोपीन नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को कम करने में मदद कर सकता है।

  • नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें। जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना या तैरना। शारीरिक गतिविधि स्वस्थ वजन बनाए रखने और प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को कम करने में मदद करती है।

  • शराब का सेवन न करें: धूम्रपान और शराब का सेवन कैंसर के खतरे को तेजी से बढ़ाते हैं। इसलिए, इन आदतों को छोड़ना सेहत के लिए फायदेमंद है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

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