पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज एक जेनेटिक बीमारी है। अगर परिवार में किसी को ये बीमारी रही है तो आपको होने का खतरा बढ़ जाता है। इसे फैमिली में इन्हेरिट होने वाली बीमारी कहा जाता है। डॉक्टर श्री राम काबरा (निदेशक, नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन विभाग, मारेंगो एशिया अस्पताल, फरीदाबाद) ने बताया पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज में किडनी के अंदर कई छोटे-छोटे सिस्ट यानी पानी से भरे फफोले जैसे बनने लगते हैं। समय के साथ ये सिस्ट बढ़ते जाते हैं और किडनी का आकार बड़ा हो जाता है। इससे किडनी अपने काम करने की क्षमता कम करने लगती है और धीरे-धीरे किडनी फेल की ओर स्थिति पहुंच जाती है।
डॉक्टर श्री राम काबरा ने बताया पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज दो प्रकार की होती हैं। जिसमें एक है ऑटोसोमल डोमिनेंट पीकेडी (एडीपीकेडी), जिसका आमतौर पर युवाओं में होती है। इसके लक्षण आमतौर पर 30 से 40 साल की उम्र के बाद दिखते हैं। दूसरा है ऑटोसोमल रिसेसिव पीकेडी (एआरपीकेडी) , जो गर्भावस्था के दौरान या पैदा होते ही बच्चे के अंदर हो सकता है। इसे गंभीर माना जाता है। बढ़ती उम्र में और लंबे समय में इससे किडनी फेल्योर भी हो सकता है। कई बार ये सिस्ट कैंसरस भी हो सकते हैं।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण
इसके लक्षणों में हाइ बल्ड प्रेशर, पेट या पीठ में दर्द, मूत्र में खून आना, बार-बार पेशाब लगना, पेशाब में संक्रमण, खून की कमी , सांस फूलना और किडनी फेल होना शामिल हैं। जैसे-जैसे सिस्ट बढ़ते हैं, किडनी की कार्य क्षमता घटती जाती है और मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज होने पर कितने दिन जिंदा रह सकते हैं?
जहां तक लाइफ इंस्पेक्टेंसी की बात है, अगर मरीज को सही समय पर इलाज और देखभाल मिले, तो वह सामान्य जीवन भी जी सकता है। लेकिन अगर किडनी फेल हो जाए और इलाज न कराया जाए, तो हालत गंभीर हो सकती है। इसके लिए नियमित चेकअप, ब्लड प्रेशर कंट्रोल, संतुलित आहार, पर्याप्त पानी और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लेना बेहद जरूरी है। समय पर इलाज और जीवनशैली में सुधार से पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के मरीज लंबा और बेहतर जीवन जी सकते हैं। क्योंकि बहुत से मरीजों की यह बीमारी पारिवारिक होती है, इसलिए परिवार के अन्य सदस्यों की नियमित जांच करने पर समय से इस बीमारी का पता लग सकता है। जिससे समय पर इलाज मिलना संभव हो जाता है।
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Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)