Friday, April 26, 2024
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देश में कोरोना से 9346 बच्चे बेसहारा और अनाथ हुए, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा क्षति

NCPCR ने वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी के जरिए दायर हलफनामे में कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 2110 बच्चे अनाथ हो गए हैं या फिर माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 02, 2021 0:00 IST
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Image Source : PTI देश में कोरोना से 9346 बच्चे बेसहारा और अनाथ हुए, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा क्षति

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि 29 मई तक राज्यों की ओर से प्रदान किए गए डेटा के मुताबिक 9346 ऐसे बच्चे हैं, जो कोरोना महामारी के कारण बेसहारा और अनाथ हो गए हैं या फिर अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है। 

वहीं, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष पेश एक अलग नोट में महाराष्ट्र सरकार कहा कि 30 मई तक राज्य के विभिन्न इलाकों से मिली जानकारी के अनुसार 4,451 बच्चों ने अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है तथा 141 ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता दोनों की मौत हो गई। 

NCPCR ने वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी के जरिए दायर हलफनामे में कहा कि ऐसे सबसे ज्यादा 2110 बच्चे उत्तर प्रदेश में हैं। इसके साथ ही बिहार में 1327, केरल में 952 और मध्य प्रदेश में 712 बच्चे कोरोना महामारी के कारण अनाथ हो गए या फिर माता-पिता में से किसी एक को खो दिया। 

देश की सबसे बड़ी अदालत ने राज्य सरकारों से कहा कि वे सात जून तक NCPCR की वेबसाइट ‘बाल स्वराज’ पर डेटा अपलोड करें और कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रभावित हुए बच्चों से जुड़ा विवरण उपलब्ध कराएं। 

उच्चतम न्यायालय बाल गृहों में कोविड फैलने पर स्वत: संज्ञान लेने से जुड़े एक मामले में सुनवाई कर रहा है। NCPCR ने अपने हलफनामे में कहा कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी और बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने के मद्देनजर यह जरूरी हो गया है कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएं। 

NCPCR ने कहा कि इस दिशा में पहला कदम जरूरतमंद बच्चों की पहचान करना और ऐसे बच्चों का पता लगाने के लिए व्यवस्था विकसित करना है। आयोग ने कहा कि उसने ‘बाल स्वराज’ पोर्टल तैयार किया है जिसके जरिए ऐसे बच्चों का डेटा एकत्र किया जा रहा है।

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