Sunday, April 28, 2024
Advertisement

BLOG: सभी फर्जी बाबाओं के पर्दाफाश करने का समय है

राम रहीम को पता था कि वो गुनहगार है और उसका असली चेहरा कोर्ट के सामने उजागर हो चुका है। वह जानता था कि उसे बलात्कार का दोषी ठहराया ही जाएगा इसलिए उसने कोर्ट से भागने की साजिश रची।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: August 30, 2017 19:44 IST
blog rajat sharma- India TV Hindi
blog rajat sharma

गुरमीत राम रहीम ने पंचकूला कोर्ट द्वारा दोषी करार देने के बाद वहां से भाग निकलने के लिए जो दुष्टता और शैतानी से भरी साजिश रची थी उसका खुलासा इंडियन रिजर्व बटालियन के आईजी के.के. राव ने किया है। यह खुलासा बेहद चौंकानेवाला है साथ ही इस फर्जी बाबा के अपराधी स्वभाव के बारे में भी काफी कुछ बयान कर जाता है। राम रहीम को पता था कि वो गुनहगार है और उसका असली चेहरा कोर्ट के सामने उजागर हो चुका है। वह जानता था कि उसे बलात्कार का दोषी ठहराया ही जाएगा इसलिए उसने कोर्ट से भागने की साजिश रची। उसने हथियार जमा किए और गाड़ियों के काफिले में अपने गुंडों को पंचकूला तक लाया। इतना ही नहीं उसने इस साजिश में अपने कमांडोज को भी शामिल किया और अपने समर्थकों का खून बहाकर, हिंसा फैलाकर भागने का रास्ता खोलने की कोशिश की। वह व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता था लेकिन उसकी यह साजिश के.के. राव जैसे समझदार ऑफिसर्स के कारण फेल हो गई और बाबा अपने असली ठिकाने यानि जेल पहुंच गया।

मैं सीबीआई के सेवा निवृत अधिकारी नारायणन की भी तारीफ करूंगा जिन्होंने पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी के साथ बलात्कार के दोनों मामलों की जांच की और बलात्कार की शिकार युवतियों को पूरा भरोसा दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें अदालत से न्याय मिला। नारायणन ने खुलासा किया कि कैसे राजनीतिक दल के नेताओं ने इस केस को कमजोर करने के लिए उनपर दबाव बनाया था। नारायणन की बात यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे सिस्टम में कितने छेद हैं। अफसरों को कैसे हालात का सामना करना पड़ता है। यह फर्जी बाबा राजनेताओं को चुनाव में समर्थन देकर उनसे फायदा उठा रहा था। यह बात सही है कि राम रहीम की हिम्मत नेताओं ने बढ़ाई।

यह भी सही है कि राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा का हरियाणा और पंजाब की बहुत सी सीटों पर काफी असर है। पहले गुरमीत सिंह कांग्रेस का सपोर्ट करता था और कांग्रेस की सरकार बनती तो उसका फायदा उठाता था। इसके बाद राजनीतिक फिजा बदली तो उसने बीजेपी को सपोर्ट किया। केन्द्र और राज्य में बीजेपी की सरकार भी बन गई। इसलिए उसे लगता था कि अब सरकार भी उसे सपोर्ट करेगी तो उसका कौन क्या बिगाड़ लेगा? लेकिन इस बार बाबा गलत साबित हुआ। क्योंकि किसी पार्टी के नेता उसे सपोर्ट नहीं कर पाए। वो मीडिया की नजरों से भी नहीं बच पाया। वहीं इस बार हाईकोर्ट पूरी तरह अलर्ट था और सीबीआई कोर्ट के जज ने किसी तरह की रियायत नहीं दी। क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है।

इस पूरे घिनौने प्रकरण में सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि कैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देनेवाले राम रहीम जैसे अपराधी बाबा बनकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। वह आस्था की आड़ में उन्हें लूटते हैं। अपने समर्थकों का इस्तेमाल ढाल की तरह करते हैं। इतना ही नहीं राम रहीम जैसे फर्जी बाबा अपने समर्थकों से खून-खराबा करवाते हैं और अपने समर्थकों का खून भी बहाते हैं। इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि बड़े-बड़े धर्मगुरु आम लोगों को ऐसे फर्जी बाबाओं के चक्कर में फंसने से रोक नहीं पाते और न ही लोगों को इनके प्रति जागरूक कर पाते। क्योंकि यह काम कोई सरकार या कोई अधिकारी नहीं कर सकता है। यह धर्म गुरुओं की जिम्मेदारी है। पूरे समाज की जिम्मेदारी है। हमारी और मीडिया की भी ज़िम्मेदारी है। तभी धर्म की आड़ में धंधा करने वालों से बचा सकता है। (रजत शर्मा)

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement