Saturday, April 20, 2024
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CAB 2019: राज्यसभा में कल पेश होगा नागरिकता संशोधन बिल, बीजेपी ने जारी किया व्हिप

मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 10, 2019 11:35 IST
Amit Shah- India TV Hindi
Image Source : PTI PHOTO Amit Shah
लोकसभा में करीब 7 घंटे चली गर्मागर्म बहस के बीच नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है। मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े। अब यह बिल राज्य सभा में पेश किया जाएगा। गृह मंत्री अमित आज दोपहर 12 बजे बिल को राज्य सभा में पेश कर सकते हैं। बिल को राज्य सभा में पास कराने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है। पार्टी ने 10 और 11 दिसंबर के लिए व्हिप जारी किया है। बता दें कि यह विधेयक 2016 में लोकसभा में तो पारित हो गया था लेकिन राज्य सभा में लटक गया। इसके बाद चुनाव आ गए और बिल निष्प्रभावी हो गया। अब इसे दोबारा से लाया गया है। 
 
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सोमवार को आधी रात तक चर्चा चली। इसक बाद हुए मतदान में एनडीए की सहयोगी जेडीयू और एलजेपी ने बिल के पक्ष में वोट किया। वहीं शिवसेना, बीजेडी और वायएसआर कांग्रेस जैसी गैर एनडीए पार्टियों ने भी बिल के पक्ष में मतदान किया। आज जब यह बिल राज्य सभा में पेश होगा तब शिवसेना, बीजेडी, एआईएडीएमके और वायएसआर कांग्रेस के साथ देने से यहां पर भी बिल के पास होने की उम्मीद बढ़ गई है। 

नागरिकता बिल पर कौन कहां?

समर्थन  विरोध 
बीजेपी  कांग्रेस
अकाली दल  एसपी
शिवसेना  एनसीपी
एलजेपी  सीपीएम
​बीजेडी ​ एसपी
वाईएसआर टीआरएस
जेडीयू  बीएसपी
एआईडीएमके  डीएमके

क्या है इस बिल में 

इस विधेयक में बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। मौजूदा क़ानून के मुताबिक़ किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है। इस विधेयक में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह समयावधि 11 से घटाकर छह साल कर दी गई है। मौजूदा क़ानून के तहत भारत में अवैध तरीक़े से दाख़िल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती है और उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान है.

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