नई दिल्ली: लालू प्रसाद यादव पर सीबीआई की विशेष अदालत आज चारा घोटाला के एक और मामले में फ़ैसला सुनाएगी। यह दुमका कोषागार से जुड़ा मामला है जिसमें दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच यहां के कोषागार से 13.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकाले गए थे। इस मामले में राजद प्रमुख के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा भी आरोपी है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुनाने की तिथि 15 मार्च 2018 निर्धारित की थी।
गुरुवार 15 मार्च को विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की ओर से तत्कालीन महालेखाकार पीके मुखोपध्याय, डिप्टी एजी बीएन झा और सीनियर एकाउंटेंट प्रमोद कुमार को आरोपी बनाने की अर्जी दाखिल की गई जिसपर सुनवाई हुई। अदालत इस पर शुक्रवार को भी सुनवाई करेगी और आदेश जारी करेगी। लालू ने सीआरपीसी की धारा 319 के तहत तीनों को आरोपी बनाने का आग्रह किया है। अदालत ने मामले में आदेश के लिए 16 मार्च की तिथि निर्धारित की है। इसी क्रम में कोर्ट शुक्रवार को ही दुमका ट्रेजरी से अवैध निकासी से जुड़े मामले में फैसले की तिथि तय करेगी।
इस मामले में लालू यादव, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, जगदीश शर्मा सहित 31 आरोपी है। ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट का आज का फैसला भी लालू के खिलाफ आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो लालू को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है। ऐसे में आज का दिन लालू की मुश्किलें और बढ़ा सकता है। बता दें कि लालू यादव सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले की जांच के बाद सीबीआई ने 11 अप्रैल, 1996 को प्राथमिकी दर्ज की थी। 49 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट की गई। इसमें तीन सरकारी गवाह बन गए थे। एक आरोपित दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगे आरोप ऊपरी अदालत से निरस्त हो गए थे। ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का निधन हो गया। वर्तमान में 31 अभियुक्त अदालत में ट्रायल फेस कर रहे हैं।
झारखंड के चारा घोटाले में लालू यादव पर पांच मुकद्दमे दर्ज थे जिनमें से तीन पर सजा का एलान हो चुका है और चौथे मुकद्दमे पर फैसला आ सकता है। वहीं पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है जो चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है। इसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है। फिलहाल इस मामले पर भी सुनवाई जारी है।