Friday, March 29, 2024
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छत्तीसगढ़: ITBP ने 7 किलोग्राम आईईडी का पता लगाया, विस्फोटक की पुष्टि होने के बाद किया नष्ट

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 40 वीं बटालियन ने आज छत्तीसगढ़ के जिला राजनांदगांव एक निर्माणाधीन सड़क लिंक पर 7 किलोग्राम वजनी IED का पता लगाया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 27, 2020 21:05 IST
ITBP destroyed 7 KG IED explosive in Chhattisgarh - India TV Hindi
ITBP destroyed 7 KG IED explosive in Chhattisgarh 

छत्तीसगढ़: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की  40 वीं बटालियन ने आज छत्तीसगढ़ के जिला राजनांदगांव एक निर्माणाधीन सड़क लिंक पर 7 किलोग्राम वजनी IED का पता लगाया। डॉग मलिंसिन सोफिया ने इसकी IED के रूप में पुष्टि की। जिसके बाद आईटीबीपी ने मौके पर आईईडी को नष्ट कर दिया। इससे पहले शनिवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की चपेट में आने से सीमा सुरक्षा बल का जवान घायल हो गया था।

कांकेर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया था कि जिले के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोयलीबेड़ा-धत्ता मार्ग पर आईईडी की चपेट में आने से बीएसएफ की चौथी बटालियन का जवान विरेंद्र टुड्डु घायल हो गए। 

पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि क्षेत्र में बीएसएफ के जवानों को गस्त पर रवाना किया गया था। दल के जवान जब एक नाले के करीब पहुंचे तब टुड्डु का पैर आईईडी (प्रेशर बम) के ऊपर पड़ गया। इससे बम में विस्फोट हो गया। इस घटना में जवान घायल हो गया। उन्होंने बताया कि घायल जवान को हल्की चोटें आई है। तथा उसकी स्थिति खतरे से बाहर है। इधर बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि घायल जवान को बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा जा रहा है।

झारखंड के पलामू में बारूदी सुरंगें बरामद,सुरक्षा बलों पर हमले की बड़ी साजिश नाकाम 

सुरक्षा बलों ने पलामू जिले के मनातू-चक मार्ग में नक्सलियों द्वारा बनाई गई चार बड़ी बारूदी सुरंगों को समय रहते निष्क्रिय कर बलों पर हमले की कोशिश को नाकाम कर दिया। पलामू के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने बृहस्पतिवार को बताया था कि नक्सलियों ने मनातू थानान्तर्गत मंसुरिया के पास बारूदी सुरंगें बनाई थीं। 

उन्होंने बताया था कि सभी में बारह से पंद्रह किलोग्राम विस्फोटक था जिससे भारी नुकसान हो सकता था। इन्हें सुरक्षा बलों को लक्ष्य कर सड़क के बीच में लगाया गया था। यह मार्ग चतरा होते हुए बिहार के गया तक जाता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि इनका पता लगाकर निष्क्रिय करने का काम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 134वीं बटालियन और स्थानीय पुलिस ने मिलकर किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि इसमें किस नक्सली संगठन का हाथ है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है और यह पूरा क्षेत्र माओवादियों का गढ़ माना जाता है।

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