Saturday, May 18, 2024
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झारखंड के अस्पतालों में इंसेफलाइटिस, निमोनिया से इस साल 800 से ज्यादा बच्चों की मौत

झारखंड के दो अस्पतालों में इस साल अब तक 800 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और इसमें से ज्यादातर मौतें इंसेफलाइटिस की वजह से हुई हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 31, 2017 19:19 IST
Raghuvar Das- India TV Hindi
Raghuvar Das

रांची: झारखंड के दो अस्पतालों में इस साल अब तक 800 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई और इसमें से ज्यादातर मौतें इंसेफलाइटिस की वजह से हुई हैं। राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के निदेशक बी. एल. शेरवाल ने कहा कि रिम्स में इस साल अब तक 660 बच्चों की मौत हुई है। जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में बीते चार महीनों में 164 मौतें होने की खबर है।

रिम्स के निदेशक डॉ बी.एल. शेरवाल ने कहा कि इस साल 4,855 बच्चे भर्ती किए गए और 4,195 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। 660 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। हमने 86.40 फीसदी बच्चों का इलाज कर उन्हें रोगमुक्त किया। उन्होंने कहा कि अगस्त में 103 मौतें हुई हैं।

रिम्स के सूत्रों ने कहा कि 51 फीसदी बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से, 17 फीसदी की निमोनिया से व बाकी की दूसरे कारणों से हुई जिनमें मलेरिया, सांप का कांटना, सांस की समस्या व कम वजन शामिल हैं। सूत्रों ने कहा बीते साल रिम्स में 1,118 बच्चों की मौत हुई थी।

कहा जा रहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी से व्यक्तिगत तौर पर महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल व गुमला के सदर अस्पताल में बच्चों की मौत की जांच करने को कहा है। इस साल सदर अस्पताल से चिकित्सकीय लापरवाही की वजह से सात मौत के मामले सामने आए हैं। राज्य में बच्चों की मौतों पर हंगामा मचने के बाद रिम्स के अधीक्षक डॉ ए.एस.के चौधरी को हटा दिया गया है। विवेक कश्यप को रिम्स का नया अधीक्षक बनाया गया है।

रिम्स के निदेशक शेरवाल ने स्वास्थ्य विभाग को खुद को पद से मुक्त करने के लिए पत्र लिखा है। उन्हें प्रतिनियुक्ति पर प्रभार दिया गया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड सरकार को महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में एक महीने में 52 बच्चों की मौत पर नोटिस जारी किया है।

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