Saturday, April 27, 2024
Advertisement

#YearEnder: पंजाब के लिए कैसा रहा 2019? करतारपुर गलियारे से हुई विभाजन के वक्त बनी खाई को पाटने की कोशिश

पंजाब के धर्मनिष्ठ लोगों के लिए साल 2019 यादगार रहेगा। सिखों ने जहां गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाई वहीं पाकिस्तान ने करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सिख श्रद्धालुओं को अभूतपूर्व पहुंच उपलब्ध कराई।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: December 29, 2019 18:08 IST
Gurdwara Darbar Sahib in Pakistan’s Kartarpur- India TV Hindi
Image Source : PTI Gurdwara Darbar Sahib in Pakistan’s Kartarpur (File Photo)

चंडीगढ़: पंजाब के धर्मनिष्ठ लोगों के लिए साल 2019 यादगार रहेगा। सिखों ने जहां गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाई वहीं पाकिस्तान ने करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सिख श्रद्धालुओं को अभूतपूर्व पहुंच उपलब्ध कराई। यह वह स्थान है जहां सिख धर्म के संस्थापक ने अपने अंतिम वर्ष बिताए। गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक आने वाले श्रद्धालु अकसर वहां लगी दूरबीन के जरिए पाकिस्तान स्थित करतापुर साहिब गुरुद्वारा के यहीं से दर्शन किया करते थे जबकि यह गुरुद्वारा सीमा से महज चंद किलोमीटर दूर है। 

नौ नवंबर से शुरू अब यह नया संपर्क मार्ग (गलियारा) श्रद्धालुओं को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे तक बिना वीजा के जाने की अनुमति देता है। पंजाब में करतारपुर गलियारे के उद्घाटन के साथ ही गुरु नानक देव की जयंती समारोहों को लेकर बहुत सारे नाटक हुए। पाकिस्तानी सीमा में घुस कर बालाकोट पर किए गए हवाई हमलों को लेकर दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच भारत और पाकिस्तान करतारपुर समझौते को लेकर टालमटोल करने लगे। पाकिस्तान प्रत्येक तीर्थयात्री से 20 डॉलर शुल्क वसूलने पर काफी समय तक अड़ा रहा। 

पंजाब सरकार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बाबा नानक जयंती के संयुक्त कार्यक्रमों को लेकर किसी समझौते तक पहुंचने के लिए कई बैठकें कीं लेकिन सब विफल रहीं। अंत में कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी कस्बे में निर्धारित समारोह स्थल के भीतर दो अलग-अलग मंच लगाए गए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वहां गुरुद्वारा में मत्था टेका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करतारपुर गलियारा के उद्घाटन के लिए यहां आए थे। 

उन्होंने गुरुद्वारे को लेकर भारत की भावनाओं का सम्मान करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रशंसा की। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मई में हुए लोकसभा चुनावों में पंजाब की 13 संसदीय सीटों में से आठ पर जीत दर्ज कर भाजपा-शिरोमणि अकाली दल गठबंधन को मात दी। पार्टी की जीत का सिलसिला विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जारी रहा जिसमें उसने तीन सीट पर जीत दर्ज की। इन नतीजों से अमरिंदर सिंह और मजबूत नेता के तौर पर उभरे। 

हालांकि, कैबिनेट के उनके साथी नवजोत सिंह सिद्धू से उनकी तकरार सार्वजनिक मंच पर दिखने लगी। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का लंबा सिलसिला चला और फिर जून में कैबिनेट में फेरबदल के बाद सिद्धू का ओहदा कम कर दिया गया जिसके बाद उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन सिद्धू अमरिंदर सिंह के लिए एकमात्र चुनौती नहीं थे। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों में राज्य के मंत्रालयों में अपनी जगह बनाने की होड़ मच गई थी। 

विपक्ष के विरोध के बावजूद पंजाब सरकार ने कांग्रेस के छह विधायकों को मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर नियुक्त कर सत्ता में उनको भी जगह दी। विधानसभा ने कानून में थोड़ा सा बदलाव किया ताकि उन्हें लाभ का पद रखने के लिए अयोग्य न घोषित किया जाए। फरीदकोट जिले में गुरु ग्रंथ साहिब की 2015 में हुई बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग का मामला राजनीतिक एवं धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील बना रहा। 

पंजाब सरकार ने जांच फिर से शुरू करने के सीबीआई के फैसले की आलोचना की और कहा कि यह जांच में देरी करने और बादल परिवार के खिलाफ कार्रवाई बंद करने की साजिश है, जो उस वक्त सत्ता में थे। पंजाब सरकार ने विदेश में खालिस्तान समर्थकों के संभावित पुनरुत्थान के खिलाफ चेतावनी जारी करना जारी रखा है। वहीं, अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान द्वारा करतारपुर गलियारे के दुरुपयोग को लेकर भी आगाह किया है। 

पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन दिखने की घटनाओं ने उनके दावों को और मजबूत करने का काम किया। उधर, पंजाब के किसानों ने पराली जलाना को जारी रखा जिसके चलते नवंबर में कई दिनों तक दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में धूमकोहरे का कहर जारी रहा। इसको लेकर विशेषज्ञ समाधान सुझाते रहे जबकि नेताओं के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement