Wednesday, May 22, 2024
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संसद भवन हमला: सदन में मौजूद थे आडवाणी समेत 200 से ज्यादा सांसद, बाहर चल रही थीं ताबड़तोड़ गोलियां

संसद भवन पर हमले की आज 21 वीं बरसी है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसदों ने संसद हमले की बरसी पर शहीदों को नमन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: December 13, 2022 13:23 IST
संसद भवन हमला- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV संसद भवन हमला

13 दिसंबर 2001, दिल्ली की खुशनुमा सर्दी। दिन में अलसाई हुई धूप। सब सामान्य सा चल रहा था। उस वक्त दिल्ली में देशभर के नेता जुटे हुए थे। क्योंकि सदन का शीतकालीन सत्र चल रहा था और देश के लगभग सभी सांसद इसमें हिस्सा लेने के लिए जुटे थे। लेकिन तभी अचानक से संसद भवन के अंदर से गोलियों को आवाज आने लगी। किसी को कुछ समझ नहीं आया। टीवी चैनलों पर बेकिंग न्यूज फ़्लैश होने लगी। 

अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे आतंकी 

कुछ देर बाद स्थिति साफ़ हुई और मालूम हुआ कि संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ है। पाकिस्तान से आए 5 दहशतगर्दों ने संसद भवन पर हमला कर दिया है। वे अंधाधुंध गोलियां चला रहे हैं। इन आतंकियों के मंसूबे थे कि सदन पर हमला करके मंत्रियों और सांसदों समेत देश के प्रमुख नेताओं को अपना बंधक बनाना था, जिससे वे भारत सरकार से अपनी नाजायज मांगे मनवा सकें। यह दहशतगर्द अपने मंसूबो में कामयाब हो जाते लेकिन देश के वीर सपूतों ने इन्हें ढेर कर दिया। इस दौरान 9 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। जिन्हें आज संसद भवन में देश के प्रधानमंत्री समेत कई अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।  

सबसे पहले उपराष्ट्रपति के काफिले में आतंकियों ने मारी टक्कर 

यह आतंकी सुबह के वक़्त सफ़ेद रंग की एम्बेसडर कार से संसद भवन परिसर में आए थे। उस वक्त सदन में शीतकालीन सत्र चल रहा था। सदन में विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। संसद भवन के परिसर में खड़े उपराष्ट्रपति के काफिले की गाड़ी को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों ने की एम्बेसडर ने टक्कर मार दी। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को उनपर शक हुआ। इससे पहले वे कुछ कर पाते आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जिसके जवाब में वहां तैनात CRPF और दिल्ली पुलिस के जवानों ने भी गोलीबारी की। 

हमले के वक्त सदन में 200 से ज्यादा सांसद थे मौजूद 

आतंकियों का प्लान था कि वे संसद भवन के अंदर घुसकर वहां मौजूद मंत्रियों को सांसदों को निशाना बनाना चाहते थे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनके मंसूबो को नाकाम कर दिया। उनक सदन में घुसने से पहले ही उन्होंने अंदर आने के दरवाजे बंद कर दिए। हमले के समय तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब 200 सांसद संसद परिसर में मौजूद थे। सुरक्षाकर्मियों ने हमला होते ही उन्हें कमरे में भेजकर सुरक्षित कर दिया था। इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला जवान और संसद सुरक्षा के दो सुरक्षा सहायक शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले में एक माली की भी मौत हो गई थी। इनके अलावा, न्यूज एजेंसी ANI के कैमरामैन की भी इस आतंकी हमले में मौत हो गई थी।  

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