Thursday, April 25, 2024
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Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना से जुड़ी सभी याचिकाएं केवल दिल्ली हाईकोर्ट सुनेगा, SC ने दिए निर्देश

Agnipath Scheme: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट, केरल हाईकोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, पटना हाईकोर्ट और उत्तराखंड हाईकोर्ट इस मामले को सुन रही हैं। हमारे विचार में एक ही मामले की याचिकाओं को अलग-अलग जगह सुना जाना सही नहीं होगा।

Reported By : Gonika Arora Edited By : Sudhanshu Gaur Published on: July 19, 2022 12:11 IST
Supreme Court on Agnipath Scheme- India TV Hindi
Image Source : FILE Supreme Court on Agnipath Scheme

Highlights

  • योजना की घोषणा 14 जून 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की
  • योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल थीं तीन याचिकाएं
  • अब इस योजना से जुड़े सभी मामले केवल दिल्ली हाईकोर्ट सुनेगा

Agnipath Scheme: सेना में नई भर्ती स्कीम 'अग्निपथ' पर दायर याचिकाएं अब दिल्ली हाई कोर्ट में सुनी जाएंगी। आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान तीन जजों की बेंच ने यह फैसला लिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर भविष्य में भी कोई मामले आते हैं तो उसे दिल्ली हाईकोर्ट भेजा जाएगा। इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में कब सुनवाई होगी, इसकी कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सुझाव दिया कि सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफ़र कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट, केरल हाईकोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, पटना हाईकोर्ट और उत्तराखंड हाईकोर्ट इस मामले को सुन रही हैं। हमारे विचार में एक ही मामले की याचिकाओं को अलग-अलग जगह सुना जाना सही नहीं होगा। एक विकल्प हो सकता है कि सभी को एक साथ सुना जाए। 

अब दिल्ली हाईकोर्ट में सुना जायेगा मामला  

सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस कर लें और दिल्ली हाईकोर्ट में फ़्रेश पिटिशन दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि तीनों याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफ़र की जाएँ ताकि इनकी सुनवाई में देरी न हो।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल थीं तीन याचिकाएं 

अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगाई गई थीं। ये याचिकाएं मनोहर लाल शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रवींद्र सिंह शेखावत की तरफ से अलग-अलग दायर की गई थीं। इसमें कहा गया था कि ऐसे लोगों पर अग्निपथ योजना लागू नहीं की जानी चाहिए, जो पहले से ही सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। उन्हें 4 साल की बजाए पुराने हिसाब से सर्विस मिलनी चाहिए। इन सभी याचिकाओं में अग्निपथ योजना को देश के खिलाफ बताते हुए गलत तरीके से लागू किए जाने की बात कही गई थी। मनोहर शर्मा के द्वारा लगाई गई याचिका में इस योजना को रद्द करने की मांग की थी। वहीं हर्ष अजय सिंह की याचिका में योजना की समीक्षा करने की गुजारिश करते हुए फिलहाल के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की थी।

अग्निपथ स्कीम से होगी सेना में नई भर्ती 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने, ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने बाद में 2022 के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।

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