Monday, April 29, 2024
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केंद्र सरकार के अधिकारियों की बल्ले-बल्ले, इतने लाख रुपए तक की कीमत के गैजेट्स निजी इस्तेमाल के लिए रख सकेंगे पास

केंद्र सरकार के अधिकारी 1.3 लाख रुपए तक की कीमत के मोबाइल, लैपटॉप या इसी तरह के अन्य इलेक्ट्रानिक गैजेट्स को अपने पास रख सकेंगे। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

Rituraj Tripathi Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published on: July 23, 2023 12:05 IST
Central government - India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE PIC केंद्र सरकार के अधिकारियों को मिली बड़ी सुविधा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अधिकारी 1.3 लाख रुपए तक की कीमत के मोबाइल, लैपटॉप या इसी तरह के अन्य इलेक्ट्रानिक गैजेट्स को रख सकेंगे। चार साल बाद तक इन गैजेटे्स का वह निजी तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, पात्र अधिकारी आधिकारिक कामकाज के लिए इतने मूल्य का मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, फैबलेट, नोटबुक, नोटपैड, अल्ट्रा-बुक, नेट-बुक या अन्य इलेक्ट्रानिक गैजेट्स ले सकते हैं।

क्या हैं दिशानिर्देश

दिशानिर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार के उप-सचिव और इससे ऊपर के स्तर के सभी अधिकारी ऐसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के पात्र होंगे। अनुभाग अधिकारियों और अवर सचिवों के मामले में स्वीकृत क्षमता के 50 प्रतिशत अधिकारियों को ऐसे उपकरण जारी किए जा सकते हैं। उपकरण की कीमत के बारे में कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि यह एक लाख रुपए और कर हो सकती है। 

हालांकि, ऐसे गैजेट्स जिनमें 40 प्रतिशत से अधिक मेक-इन-इंडिया कलपुर्जों का इस्तेमाल हुआ है, उनके मामले में यह सीमा 1.30 लाख रुपए और कर होगी। इसमें कहा गया है, 'अगर किसी मंत्रालय/विभाग में अधिकारी को पहले से ही एक गैजेट्स आवंटित हैं, तो उसे चार साल तक नया उपकरण जारी नहीं किया जा सकता। हालांकि, उपकरण के किफायती रूप से मरम्मत के योग्य नहीं रहने पर ‘अपवाद’ होगा। इसमें कहा गया है कि अधिकारी चार साल के बाद इस उपकरण को अपने पास रख सकता है। कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, 'संबंधित मंत्रालय/विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपकरण को अधिकारी को रखने के लिए सौंपने से पहले इसमें से पूरा डेटा साफ कर दिया गया है। 21 जुलाई, 2023 के इस कार्यालय ज्ञापन के बाद 27 मार्च, 2020 को जारी आदेश हट जाएगा। इसमें ऐसे उपकरणों की कीमत 80,000 रुपये तय की गई थी और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपकरणों को रखने का कोई प्रावधान नहीं था। (इनपुट: भाषा)

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