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CJI गवई ने रखी बॉम्बे हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग की नींव, कहा-'यह न्याय का मंदिर बने, 7-स्टार होटल नहीं'

CJI भूषण गवई ने मुंबई के बांद्रा में नई बॉम्बे हाई कोर्ट बिल्डिंग की नींव रखी और कहा कि यह ‘न्याय का मंदिर’ बने, न कि ‘7-स्टार होटल’। उन्होंने फिजूलखर्ची से बचने और जनता की जरूरतों को प्राथमिकता देने की बात कही। परियोजना की लागत 4,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Nov 06, 2025 12:32 pm IST, Updated : Nov 06, 2025 12:32 pm IST
CJI Bhushan Gavai, Bombay High Court new building, Mumbai court project- India TV Hindi
Image Source : PTI CJI भूषण गवई।

मुंबई: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई ने कहा है कि मुंबई में बनने वाली नई बॉम्बे हाई कोर्ट इमारत फिजूलखर्ची से दूर रहे और न्याय का मंदिर बने, न कि 7 स्टार होटल। बुधवार को बांद्रा (पूर्व) में इस इमारत की नींव रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए CJI गवई ने जोर दिया कि नई इमारत साम्राज्यवादी ढांचे की तरह न दिखे, बल्कि संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप हो। CJI ने सुझाव दिया कि नई इमारत में फिजूलखर्ची से बचा जाए और याद दिलाया कि 'जज अब जमींदार नहीं रहे।' बता दें कि पूरे प्रोजेक्ट पर 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।

'यह इमारत न्याय का मंदिर बने, 7-स्टार होटल नहीं'

CJI ने कहा, 'कुछ अखबारों में पढ़ा कि इमारत फिजूलखर्ची वाली है। 2 जजों के लिए एक लिफ्ट साझा करने का प्रावधान है। जज हाई कोर्ट के हों, ट्रायल कोर्ट के या सुप्रीम कोर्ट के, सभी संस्थाएं न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका, संविधान के तहत देश के आखिरी नागरिक की सेवा के लिए काम करती हैं। समाज को इंसाफ देने के लिए।' उन्होंने इमारत की भव्यता और आइकॉनिक संरचना बनाए रखने पर जोर दिया। CJI ने कहा, 'कोर्ट इमारतों की योजना बनाते वक्त हम जजों की जरूरतों पर ध्यान देते हैं, लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि हम नागरिकों और मुकदमेबाजों की जरूरतों के लिए मौजूद हैं। यह इमारत न्याय का मंदिर बने, सात सितारा होटल नहीं।'

'इस आयोजन में शामिल होने से हिचकिचा रहा था'

14 मई 2025 को पद संभालने वाले CJI गवई ने बताया कि 24 नवंबर को अपना कार्यकाल खत्म करने से पहले महाराष्ट्र की यह उनकी आखिरी यात्रा है और वह अपने गृह राज्य में न्यायिक ढांचे से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, 'पहले इस आयोजन में शामिल होने से हिचकिचा रहा था। लेकिन अब शुक्रगुजार हूं कि बॉम्बे हाई कोर्ट में कभी ड्यूटी निभाने वाले जज के रूप में अपना कार्यकाल देश की सबसे बेहतरीन कोर्ट बिल्डिंग की नींव रखकर खत्म कर रहा हूं। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका को संविधान के तहत समाज को इंसाफ देने के लिए काम करना चाहिए। आज बॉम्बे हाई कोर्ट के इतिहास में एक अहम पल और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।'

'न्यायपालिका मुकदमेबाजों की सेवा के लिए है'

CJI गवई ने खुलासा किया कि शुरू में नींव रखने के समारोह में आने से हिचक रहे थे, लेकिन जब पता चला कि पता नहीं कब फिर बॉम्बे हाई कोर्ट का कोई जज देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर काबिज होगा, तो उन्होंने मन बदल लिया। उन्होंने कहा कि इमारत पूरी होने पर यह मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर सबसे आइकॉनिक ढांचा होगी। CJI ने इस आलोचना से असहमति जताई कि महाराष्ट्र न्यायपालिका के लिए ढांचा मुहैया कराने में पीछे है। उन्होंने बताया कि अपने छोटे कार्यकाल में राज्य में कई न्यायिक इमारतों की नींव रखी या उद्घाटन किया। उन्होंने जोर दिया कि न्यायपालिका मुकदमेबाजों की सेवा के लिए है जो इंसाफ की तलाश में आते हैं। (PTI)

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