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27 साल से 'संत' के भेष में ऋषिकेश में रह रहा था, पुलिस टीम ने भंडारे में प्रसाद बांटा, तब जाकर पकड़ में आया हत्यारा

आरोपी एक संत बन गया था और देशभर के मंदिरों में जाता था और विभिन्न धर्मशालाओं में रहता था। 2023 में उसकी लोकेशन कन्याकुमारी थी, लेकिन पुलिस को वहां से कुछ हाथ नहीं लगा। फिर उसकी एक लोकेशन उत्तराखंड के ऋषिकेश में पाई गई।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Apr 30, 2024 20:27 IST, Updated : Apr 30, 2024 20:32 IST
27 साल से पहचान छिपाकर...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO 27 साल से पहचान छिपाकर 'संत' की तरह रहने वाला हत्‍यारोपी ऋषिकेश से गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दिल्ली पुलिस ने हत्‍या के एक मामले में 27 साल से फरार चल रहे 77 वर्षीय व्यक्ति को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि वह अपनी पहचान छुपाने के लिए 'संत' के भेष में विभिन्न धार्मिक स्थानों पर शरण ले रहा था। आरोपी की पहचान टिल्लू उर्फ रामदास के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, 4 फरवरी 1997 को तुगलकाबाद एक्सटेंशन में किशन लाल नाम के एक व्यक्ति की उसके बहनोई टिल्लू और रामू नामक व्यक्ति ने हत्या कर दी थी। 5 मई 1997 को टिल्लू और रामू दोनों को अपराधी घोषित कर दिया गया।

देशभर के मंदिरों में जाता था हत्यारा

पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने कहा कि एक पुलिस टीम को विभिन्न जघन्य मामलों के वांछित/फरार आरोपियों और पैरोल जंपर्स का पता लगाने का काम सौंपा गया था, जब हत्या के मामले में वांछित टिल्लू की पहचान की गई। डीसीपी ने कहा, ''पुलिस टीम ने जानकारी को आगे बढ़ाया और परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर जुटाए। गहन तकनीकी विश्लेषण के बाद एक मोबाइल नंबर पर खास ध्यान दिया गया, जो बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था और उसका कोई स्थायी स्थान नहीं था। लोकेशन हिस्ट्री से यह पता चला कि मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ता की लोकेशन ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों के पास थी।'' यह भी पता चला कि यह संदिग्ध व्यक्ति एक संत बन गया था और देशभर के मंदिरों में जाता था और विभिन्न धर्मशालाओं में रहता था।

 ऋषिकेश में मिली लास्ट लोकेशन

डीसीपी ने कहा, ''2023 में उसकी लोकेशन कन्याकुमारी थी, लेकिन वहां से कुछ हाथ नहीं लगा। वह ओडिशा के जगन्नाथ पुरी चला गया था। हालांकि, उसकी एक लोकेशन उत्तराखंड के ऋषिकेश में पाई गई। पुलिस टीम ने उसकी लास्ट लोकेशन ऋषिकेश, उत्तराखंड में फील्ड रेकी की और पास के मंदिरों में 'भंडारा' वितरक के रूप में काम किया। डीसीपी ने कहा, "तीन दिनों तक लगातार स्वयंसेवक के रूप में काम करने के बाद टीम ने टिल्लू की पहचान की और उसे पकड़ लिया।" पूछताछ में टिल्लू ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद वह अपनी बेटी के साथ अपनी बहन के घर दिल्ली चला गया था।

गुस्से में कर दी थी किशन लाल की हत्या

आरोपी ने खुलासा किया कि उसकी पत्नी की बेटी के जन्म के बाद 1994 में मृत्यु हो गई। अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद वह बेटी के साथ अपनी बहन के घर दिल्ली आ गए। उसकी बहन और उसका जीजा अपने परिवार के लिए एक नया घर खरीदना चाहते थे लेकिन उनका मृतक किशन लाल के साथ कुछ विवाद था। तीन अप्रैल, 1997 को रामू ने उनके बीच वित्तीय विवाद पर चर्चा करने के लिए किशन लाल को अपने घर पर बुलाया।  बातचीत के दौरान मामला इतना बढ़ गया कि किशन लाल ने उसे और रामू को परिणाम भुगतने की धमकी दी। इस पर वे उत्तेजित हो गए और आपस में झगड़ने लगे जिसमें किशन लाल की हत्या कर दी गई। इसके बाद वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौके से भाग गया था।'' (IANS इनपुट्स के साथ)

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