Wednesday, May 08, 2024
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Dolo-650: संकट में आ सकती है डोलो दवा बनाने वाली कंपनी, सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, जानिए क्या है पूरा मामला?

Dolo-650: पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को दस दिनों में याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और इसके बाद पारिख को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: August 19, 2022 8:00 IST
Dolo-650- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Dolo-650

Highlights

  • ज्यादा फायदे के लिए बांटे गिफ्ट्स - NGO
  • यही दवा मैंने कोविड होने पर ली थी - जस्टिस चंद्रचूड़
  • यह एक गंभीर मुद्दा है और हम इस पर गौर करेंगे - जस्टिस चंद्रचूड़

Dolo-650: बुखार होने पर आप डॉक्टर को दिखाते होंगे। अधिकतर डॉक्टर इसके इलाज की दवाओं में Dolo-650 नामक की दवा जरूर लिखते हैं। कई लोगों को इससे फायदा भी होता है। कंपनी के दावे एक अनुसार यह दवा बुखार के लिए अत्यंत कारगार भी है। लेकिन अब इस दवा को बनाने वाले मुश्किल में हैं। अब कंपनी को डोलो-650 की वजह से सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। 

दरअसल एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने Dolo टैबलेट बनाने वाली चर्चित फार्मा कंपनी द्वारा बुखार के इलाज के लिए डोलो 650 मिग्रा का नुस्खा लिखने के लिए चिकित्सकों को 1000 करोड़ रुपये तक के मुफ्त गिफ्ट्स बांटने का आरोप लगाया है। न्यायालय ने इस आरोप को ‘गम्भीर मुद्दा’ करार दिया। 

500MG तक के किसी भी टैबलेट का दाम सरकार के कंट्रोल में 

याचिकाकर्ता ‘फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख और अधिवक्ता अपर्णा भट ने जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ को बताया कि 500MG तक के किसी भी टैबलेट का बाजार मूल्य सरकार की कीमत नियंत्रण प्रणाली के तहत नियंत्रित होता है। उन्होंने बताया कि लेकिन 500MG से ऊपर की दवा की कीमत निर्माता फार्मा कंपनी द्वारा तय की जा सकती है। 

ज्यादा फायदे के लिए बांटे गिफ्ट्स 

उन्होंने दलील दी कि ज्यादा फायदा हासिल करने के लिए कंपनी ने Dolo-650 मिग्रा टैबलेट के नुस्खे लिखने के लिए चिकित्सकों में मुफ्त गिफ्ट्स बांटे हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आप जो कह रहे हैं वह सुनने में सुखद लगता है। यही दवा है जो मैंने कोविड होने पर ली थी। यह एक गंभीर मुद्दा है और हम इस पर गौर करेंगे।’

अगली सुनवाई 29 सितंबर को 

पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को दस दिनों में याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और इसके बाद पारिख को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगले महीने की 29 सितम्बर की तारीख तय की है। 

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