Sunday, April 28, 2024
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पति पर व्यभिचारी होने का झूठा आरोप लगाना कठोर क्रूरता, तलाक का बन सकता है आधार: दिल्ली हाईकोर्ट

पत्नी अगर पति को सार्वजनिक तौर पर व्याभिचारी का झूठा आरोप लगाकर प्रताड़ित करती है तो यह कठोर क्रूरता माना जाएगा और यह व्यवहार तलाक का आधार भी बन सकता है।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: January 02, 2024 18:27 IST
दिल्ली हाईकोर्ट- India TV Hindi
Image Source : FILE दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि पति के खिलाफ विवाहेतर संबंध के निराधार आरोप लगाना और सार्वजनिक स्थान पर उसे व्याभिचारी ठहराना कठोर क्रूरता का कृत्य है। अदालत ने कहा कि इस तरह का कृत्य तलाक का आधार प्रदान करता है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक परिवार अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें पति की ओर से क्रूरता का आरोप लगाने वाली याचिका पर तलाक का आदेश दिया गया है। 

चरित्र और निष्ठा पर लगातार तंज कसने से मानसिक पीड़ा 

दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि पति-पत्नी जरूरत के समय एक-दूसरे से सम्मान पाने और ‘सुरक्षा दीवार के रूप में काम करने’ की उम्मीद करते हैं। बेंच के अनुसार, दूसरे व्यक्ति के चरित्र और निष्ठा पर लगातार तंज कसने से मानसिक पीड़ा होती है। अदालत ने हाल के एक आदेश में कहा कि कोई भी सफल विवाह आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित होता है और यदि एक स्तर से अधिक समझौता किया जाता है, तो रिश्ते का अंत तय है। 

पत्नी पर सार्वजनिक रूप से परेशान और अपमानित करने का आरोप

अदालत के आदेश में कहा गया है कि इस मामले में पति को उसकी पत्नी द्वारा सार्वजनिक रूप से परेशान और अपमानित किया गया तथा उस पर जुबानी हमला किया जा रहा है। अदालत ने कहा कि पत्नी दफ्तर की मीटिंग्स के दौरान कर्मचारियों और गेस्ट के सामने पति पर बेवफाई के आरोप लगाने की हद तक चली गई और उसने अपने पति को उसके कार्यालय में एक व्याभिचारी व्यक्ति के रूप में चित्रित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। (इनपुट-भाषा)

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