Wednesday, May 08, 2024
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गोधरा कांड के आरोपियों की जमानत का सरकार ने किया विरोध, अगली सुनवाई 15 दिसंबर को

गोधरा कांड से जुड़ी एक खबर सामने आई है। पत्थरबाजी के आरोपियों की जमानत पर कोर्ट विचार कर सकता है। इससे लेकर गुजरात सरकार ने विरोध जताया है।

Ravi Prashant Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: December 03, 2022 13:53 IST
सुप्रीम कोर्ट - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट

गुजरात में पहले चरण का मतदान हो चुके हैं। वहीं दूसरे चरण का मतदान 5 दिसबंर को होना है। इसी बीच गुजरात सरकार ने 2002 में हुए गोधर कांड के केस में नरमी बरतने पर विरोध दर्ज कराया है। सरकार ने साफ-साफ शब्दों में क्लियर कर दिया है कि आरोपियों के खिलाफ कोई हमदर्दी नहीं बरती जाएगी। सरकार ने कहा कि इस वारदात को प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया था। आरोपियों ने जानबूझ कर ट्रेन में आग लगाई थी। इसी कारण से बाद में सामुदायिक हिंसा हुई और इसमें 59 लोगों की जान चली गई। 

सिर्फ पत्थरबाजी नहीं बल्कि जघन्य अपराध किया

जानकारी के मुताबिक, आरोपियों की अपील याचिका सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2018 से लंबित पड़ा है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश  डीवाई चंद्रचूर्ण और पीएस नरसिम्हा के बेंच मे हुई। कोर्ट ने कहा कि पत्थरबाजी के आरोपियों की जमानत पर कोर्ट विचार कर सकता है। वहीं सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि केवल पत्थरबाजी का मामला नहीं है। आरोपियों ने ट्रेन में आग लगाई है । एक समुदाय को टारगेट किया गया है। सरकार के तरफ से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह आरोपियों की भूमिका की जांच करेंगे। आगे कहा कि जल्द से जल्द से इस मामले को रिव्यू कर अपनी राय रखी जाएगी।  

इतने लोगों की हत्या की गई थी
इस घटना में 59 हिंदू मारे गए थे। इसमें 29 पुरुष और 22 महिलाएं शामिल थी। आरोपियों ने साबरमती ट्रेन एक्प्रेस को निशाना बनाया था। 27 फरवरी 2002 को इस घटना को अंजाम दिया गया था। वहीं कई हिंदू संगठनों ने विरोध किया है। 

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