Sunday, April 28, 2024
Advertisement

सैकड़ों बच्चे गोद लिए जाने के इंतजार में, प्रक्रिया को अवरूद्ध क्यों कर रहा कारा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि कोर्ट को पिछले 3 साल में गोद लिये गये बच्चों की संख्या और गोद लिये जाने के लिए इंतजार कर रहे बच्चों की संख्या बताएं।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: October 13, 2023 21:28 IST
Adoption, Child Adoption, Child Adoption Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : PTI सुप्रीम कोर्ट।

नई दिल्ली: बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया को मानवीय बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस प्रक्रिया में काफी ज्यादा देरी होने के मुद्दे को उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कई बच्चे बेहतर जीवन की उम्मीद में गोद लिये जाने का इंतजार कर रहे हैं। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यह प्रक्रिया वास्तव में रुक गई है। बेंच भारत में बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग सहित 2 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल रहे।

‘सैकड़ों बच्चे गोद लिए जाने का इंतजार कर रहे’

सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों वाली इस बेंच ने कहा कि इसमें बहुत देरी हो रही है। इसे एक गंभीर मुद्दा बताते हुए बेंच ने कहा कि अगर 20 से 30 साल की उम्र के किसी जोड़े को बच्चा गोद लेने के लिए 3 या 4 साल तक इंतजार करना पड़ता है, तो माता-पिता के रूप में उनकी स्थिति और गोद लिए जाने वाले बच्चे की स्थिति समय बीतने के साथ बदल सकती है। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘वे (केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण-CARA) गोद लेने की प्रक्रिया को अवरुद्ध क्यों कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सैकड़ों बच्चे बेहतर जीवन की आस में गोद लिये जाने का इंतजार कर रहे हैं।

कोर्ट ने मांगा पिछले 3 साल का आंकड़ा
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केस में उनका हलफनामा तैयार है और वह इसे सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगी। उन्होंने कहा,‘हमने जो कवायद की है उसे अदालत के समक्ष रखने की अनुमति दी जाए।’ बेंच ने भाटी से कहा कि कोर्ट को पिछले 3 साल में गोद लिये गये बच्चों की संख्या और गोद लिये जाने के लिए इंतजार कर रहे बच्चों की संख्या बताएं। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश एक वकील ने गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि विशेष जरूरतों वाले बच्चों को गोद लेने में ज्यादा दिक्कत पेश आती है।

मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को
एक याचिका का हवाला देते हुए बेंच ने कहा कि इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि देश में हर साल केवल 4000 बच्चे गोद लिए जाते हैं। याचिकाकर्ताओं में से एक ने गोद लेने की प्रक्रिया में दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत दुनिया की 'ऑर्फन कैपिटल' बन गया है। बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की है। सुप्रीम कोर्ट पिछले साल अप्रैल में भारत में बच्चे को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हुई थी। इसने NGO 'द टेम्पल ऑफ हीलिंग' द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। (भाषा)

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement