Saturday, April 20, 2024
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निलंबित सांसदों ने खत्म कर दिया है धरना, विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति से मांगा समय: गुलाम नबी आजाद

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सदन से निलंबित सांसदों ने अपना धरना समाप्त कर दिया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब विपक्ष सदन का बहिष्कार ही कर रहा है तो ऐसे में धरना कैसे जारी रह सकता है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 22, 2020 11:53 IST
Ghulam Nabi Azad- India TV Hindi
Image Source : PTI निलंबित सांसदों ने खत्म कर दिया है धरना, विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति से मांगा समय: गुलाम नबी आजाद

नई दिल्ली: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सदन से निलंबित सांसदों ने अपना धरना समाप्त कर दिया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब विपक्ष सदन का बहिष्कार ही कर रहा है तो ऐसे में धरना कैसे जारी रह सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है और राष्ट्रपति से अगर उन्हें इस पूरे घटनाक्रम को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो विपक्ष इस लड़ाई को सड़कों पर लड़ेगा।

वहीं, राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने आठ सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया। सबसे पहले कांग्रेस ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। इसके बाद आप, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने भी कार्यवाही का बहिष्कार किया। बाद में राकांपा, सपा और राजद के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए। सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और चर्चा में भाग लेने की अपील की।

नायडू ने सदन में कहा, "मैं सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे बहिष्कार के अपने फैसले पर फिर से विचार करें और चर्चा में भाग लें।’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार निलंबित सांसदों को सदन से बाहर रखने को लेकर जिद पर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वे सदस्य खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस पर गौर करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सरकार और विपक्ष को एक साथ बैठ कर फैसला करना चाहिए।

इससे पहले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि विपक्ष आठ सदस्यों का निलंबन रद्द होने तक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। शून्यकाल के बाद आजाद ने यह भी मांग की कि सरकार को ऐसा विधेयक लाना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम में किसानों का अनाज न खरीदें। आजाद ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार के अंदर तालमेल का अभाव है। एक दिन पहले ही कृषि विधेयकों पर पूरी चर्चा एमएसपी पर केंद्रित रही और उसके एक दिन बाद ही सरकार ने कई फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा कर दी।

उल्लेखनीय है कि रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को सोमवार को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।

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