Wednesday, May 08, 2024
Advertisement

यूपी के संभल में बंदरों की मौत से मच गया था हड़कंप, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

संभल में पिछले एक हफ्ते से बंदरों के बीमार होने और मरने का सिलसिला जारी है। यहां मंदिर के आसपास काफी संख्या में बंदर रहते हैं।

IANS Reported by: IANS
Published on: April 10, 2020 8:56 IST
Monkey Death Postmortem Report, Monkeys Death Sambhal, Monkeys Sambhal Death- India TV Hindi
बंदरों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ तो पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया था। Pixabay Representational

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कई बंदरों की मौत होने से हड़कंप मच गया था। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनकी मौत निमोनिया के कारण हुई है। संभल के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (CVO) डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान (IVRI) में हुए पोस्टमॉर्टम के बाद पता चला कि बंदरों की मौत निमोनिया से हुई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में 19 बंदरों की मौत बताई जा रही है, लेकिन डॉक्टर विनोद ने बताया कि 7 बंदरों की मौत हुई है।

निमोनिया बना था मौत का कारण

संभल जिले में पवांसा क्षेत्र है। यहां पिछले एक हफ्ते से बंदरों के बीमार होने और मरने का सिलसिला जारी है। यहां मंदिर के आसपास काफी संख्या में बंदर रहते हैं। बंदरों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ तो पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। 6 अप्रैल को बंदरों को पोस्टमॉर्टम के लिए देश के सबसे बड़े संस्थान बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के सेंटर फॉर एनिमल डिजीज रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक भेजा गया। पोस्टमॉर्टम के बाद IVRI ने संभल के पशु चिकित्सा विभाग को रिपोर्ट भेज दी। जिसके मुताबिक बंदरों की मौत निमोनिया के कारण हुई थी।

‘किडनी और लीवर में भी समस्या’
IVRI के एक प्रधान वैज्ञानिक ने कहा, ‘बंदरों के बाएं फेफड़े में निमोनिया के लक्षण मिले। सांस नली में रक्तरंजित स्राव मिला। किडनी और लीवर में समस्या दिखी। बैक्टीरियल इंफेक्शन की भी आशंका है।’ संभल के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (CVO) डॉक्टर विनोद कुमार ने कहा, ‘अब तक 7 बंदरों की मौत हुई है। स्थानीय मीडिया गलत संख्या पेश कर रहा है। IVRI से आई रिपोर्ट के मुताबिक, बंदरों की मौत निमोनिया से हुई। अब हमारा फोकस दूसरे बंदरों को बचाने पर है।’

पशु विभाग की टीम हुई सक्रिय
डॉक्टर विनोद ने बताया कि बंदरों की मौत की घटना के बाद से पशु चिकित्सा विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। वन विभाग भी इस काम में लगा है। दूसरे बंदरों को बचाने के लिए उनका इलाज किया जा रहा है। बंदरों को केले में टेबलेट दिया जा रहा है। हालांकि कुछ बंदर केले से टैबलेट निकालकर फेंक देते हैं। ऐसे में हम टैबलेट को पीसकर केले में मिला रहे हैं, ताकि अन्य बंदर निमोनिया के प्रभाव से बच सकें।

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement