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पहलू खान मामले के आरोपियों की रिहाई पर मायावती ने साधा कांग्रेस पर निशाना

मायावती ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर इस मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से ही मामले के आरोपी रिहा हो सके।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Aug 16, 2019 11:56 am IST, Updated : Aug 16, 2019 11:56 am IST
Mayawati targets Congress party and Rajasthan Government over release of Pehlu Khan case accused- India TV Hindi
Image Source : MAYAWATI Mayawati targets Congress party and Rajasthan Government over release of Pehlu Khan case accused

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान में  पहलू खान मामले के आरोपियों की रिहाई पर कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर इस मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से ही मामले के आरोपी रिहा हो सके। मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। 

मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा ''राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहाँ की निचली अदालत से बरी हो गए, यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहाँ की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं।''

अलवर की अपर जिला सत्र न्यालय ने बुधवार को 2017 के पहलू खान मॉब लिंचिग मामले में छह आरोपियों को पुलिस जांच में गंभीर कमियों के चलते संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। न्यायाधीश ने अपने निर्णय में पुलिस जांच में कई तरह की कमियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी कमियों के कारण मामले में संदेह पैदा हुए और आरोपियों को संदेह का लाभ लेने का अवसर मिला।

अदालत ने बुधवार को अपने निर्णय में पहलू खान हत्या मामले के छह बालिग आरोपियों विपिन यादव, रविन्द्र कुमार, कालूराम, दयानंद, योगेश और भीम सिंह राठी को संदेह का लाभ देकर बरी किया। न्यायालय ने जांच में लापरवाही को इंगित किया है। अदालत ने अपने निर्णय में बताया कि छह आरोपियों के नाम पहलू खान और अन्य शिकायतकर्ताओं के पर्चा बयान में दर्ज नहीं थे। आरोपियों की पहचान वीडियो के आधार पर की गई थी लेकिन जांच अधिकारी रमेश सिनसिवार ने वीडियो जिस उपकरण से बनाया गया था उसे जब्त नहीं किया। जिन लोगो पर आरोप लगे थे उनकी पहचान शिकायतकर्ताओं द्वारा नहीं की गई जिसे सीआरपीसी की धारा 161 के तहत किया जाना चाहिए था। इसके साथ साथ सिनसिनवार द्वारा अस्पताल में पहलू खान के दर्ज किये गये बयान के बाद अस्पताल के चिकित्सक से यह प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया जिससे यह प्रमाणित हो सके कि पहलू खान बयान देने की स्थिति में थे या नहीं। जांच अधिकारी ने बयान दर्ज होने के 16 घंटे बाद बयान पुलिस थाने में पेश किये जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।

जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के बहरोड थाना क्षेत्र में 1 अप्रैल 2017 को पहलू खान, उनके दो पुत्रों और अन्य लोगों द्वारा गोवंश के परिवहन के दौरान की गई मारपीट के समय सिनसिनवार बहरोड के थानाधिकारी थे। पहलू खान की 3 अप्रैल 2017 को उपचार के दौरान मौत हो गई। 

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