Highlights
- अदालत ने अपना फैसला गुरुवार दोपहर 12 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
- उम्मीद है कि अदालत गुरुवार को वीडियोग्राफी के लिए अगली तारीख दे देगी।
- सर्वे करवा रहे एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखा है।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे कराये जाने और इसके लिए नियुक्त ‘एडवोकेट कमिश्नर’ को बदलने के आग्रह सम्बन्धी मामलों में स्थानीय अदालत गुरुवार को दोपहर 12 बजे के बाद फैसला सुनायेगी। हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौर ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर स्थित 2 तहखाने खुलवाकर उनकी वीडियोग्राफी कराने और एडवोकेट कमिश्नर को बदलने को लेकर दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखा है।
‘मस्जिद के ठीक नीचे स्थित हैं तहखाने’
हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला गुरुवार दोपहर 12 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया। उम्मीद है कि कोर्ट गुरुवार वीडियोग्राफी के लिए अगली तारीख दे देगी और कमिश्नर बदला जाएगा या नहीं, इस पर भी फैसला सुनायेगी। इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद का रख-रखाव करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगी हुई है और हिन्दू पक्ष जिन 2 तहखानों को खोलकर उनकी वीडियोग्राफी की बात कह रहा है वे मस्जिद के ठीक नीचे स्थित हैं।
राखी सिंह और अन्य ने दायर किया था वाद
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता गौर ने दावा किया कि कोर्ट द्वारा बीते 26 अप्रैल को वीडियोग्राफी सर्वे के लिए जारी आदेश में बैरिकेडिंग के अंदर जाकर वीडियोग्राफी कराने की बात भी शामिल है, लेकिन चूंकि मुस्लिम पक्ष इसे लेकर कंफ्यूजन में है, इसलिए कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह फैसले के वक्त इस पर भी स्थिति स्पष्ट करे। बता दें कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।
6 मई को शुरू हुआ था सर्वे का काम
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए 6 मई का दिन तय किया था। बीते 6 मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी।