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हिंदू युवा वाहिनी खत्म हो गई? CM योगी ने सभी इकाइयों को किया भंग

Hindu Yuva Vahini: योगी आदित्यनाथ ने 'हिंदुत्व और राष्ट्रवाद' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2002 में राम नवमी पर हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की थी। बाद के वर्षों में, इसने उत्तर प्रदेश में उनके राजनीतिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Edited By: Khushbu Rawal
Published : Aug 03, 2022 09:36 pm IST, Updated : Aug 03, 2022 11:57 pm IST
Yogi Adityanath- India TV Hindi
Image Source : PTI Yogi Adityanath

Highlights

  • इस संगठन की शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई थी
  • इसने उत्तर प्रदेश में उनके राजनीतिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
  • योगी का गोरखपुर से राजनीति में आना हिंदू यूवा वाहिनी की वजह से संभव हो पाया

Hindu Yuva Vahini: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है, जिसकी स्थापना उन्होंने 2002 में की थी। सीएम योगी ने बुधवार को गोरखपुर में यह घोषणा की। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री जल्द ही संगठन का पुनर्गठन करेंगे। योगी ने 'हिंदुत्व और राष्ट्रवाद' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2002 में राम नवमी पर हिंदू युवा वाहिनी (HYV) की स्थापना की थी। बाद के वर्षों में, इसने उत्तर प्रदेश में उनके राजनीतिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

20 साल पहले गोरखपुर में हुई थी संगठन की शुरुआत

आपको बता दें कि इस संगठन की शुरुआत गोरखपुर में करीब 20 साल पहले हुई थी। खुद योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर से गहरा संबंध रहा है। वह न सिर्फ गोरखपुर मठ के महंत हैं बल्कि वहां से सांसद भी चुने जा चुके हैं। योगी आदित्यनाथ का महंत बनना और गोरखपुर से राजनीति में आना हिंदू यूवा वाहिनी की वजह से यह संभव हो पाया। वर्ष 2022 के चुनाव में युवा हिंदू वाहिनी ने पूरी जोश के साथ चुनाव प्रचार में जुटते हुए बीजेपी के उम्‍मीदवारों के पक्ष में खूब चुनाव प्रचार किया। यहां तक कि पिछले चुनाव में भी इस संगठन ने अहम भूमिका निभाई थी।

वहीं, आपको बता दें कि मार्च 2017 में जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, तो हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों का मानना था कि अब उनकी किस्मत भी चमक जाएगी। सत्ता में आने के एक साल से थोड़ा ज्यादा समय बाद, हिंदू युवा वाहिनी ने खुद को अभूतपूर्व मंथन में पाया था। बाद में, कुछ सदस्यों ने हिंदू युवा वाहिनी (भारत) नामक एक अलग समूह का शुभारंभ किया, जो भाजपा द्वारा समूह को कथित तौर पर दरकिनार करने के बाद असंतोष के बीच अस्तित्व में आया था।

जानिए क्या है आगे की प्लानिंग
आदित्यनाथ के पूर्व सहयोगी और हिंदू युवा वाहिनी (भारत) के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा था कि समूह अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए विभिन्न राज्यों में कार्यालय खोलेगा। उन्होंने कहा था, "2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान टिकट की मांग के लिए हम संगठन में किनारे कर दिए गए थे। महाराज जी (आदित्यनाथ) के मुख्यमंत्री बनने के बाद, हमें उम्मीद थी कि एचवाईवी के संस्थापक सदस्यों को जिला और संभाग इकाइयों में महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे, लेकिन हमारी उम्मीदें जल्द ही धराशायी हो गईं।"

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