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दिल्ली ब्लास्ट का आरोपी मुजफ्फर राथर 'भगोड़ा अपराधी' घोषित, विदेश भागने की आशंका

एनआई कोर्ट ने दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े आरोपी डॉ. राथर को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया है। आशंका है कि वह अफगानिस्तान भाग गया है। फिलहाल उसके घर पर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है।

Edited By: Amar Deep @amardeepmau
Published : Dec 13, 2025 10:09 pm IST, Updated : Dec 13, 2025 10:09 pm IST
दिल्ली में लाल किले के बाहर हुआ धमाका। - India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE दिल्ली में लाल किले के बाहर हुआ धमाका।

श्रीनगर: एनआईए मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया है। लाल किले के पास धमाके के आरोपी डॉ. मुजफ्फर अहमद राथर को शनिवार को BNSS की धारा 84 के तहत ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया। आरोपी डॉ. राथर अक्टूबर में श्रीनगर पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल में शामिल था। 

राथर के घर पर नोटिस चस्पा

अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह एनआईए अधिनियम के मामलों की सुनवाई करने के लिए नियुक्त एक विशेष न्यायाधीश द्वारा जारी उद्घोषणा नोटिस को शनिवार को काजीगुंड स्थित आरोपी राथर के घर पर चस्पा किया गया। उन्होंने बताया कि अदालत ने आरोपी राथर को 28 जनवरी, 2026 को उसके समक्ष पेश होने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘‘यह घोषणा की जाती है कि डॉ. मुजफ्फर अहमद राथर को शिकायत का जवाब देने के लिए 28.01.2026 को सुबह 10 बजे इस अदालत के समक्ष उपस्थित होना होगा।’’ 

अफगानिस्तान भागने की आशंका

इससे पहले आरोपी राथर के भाई डॉ. अदील अहमद राथर को यूपी के सहारनपुर में गिरफ्तार किया गया था। डॉ. राथर के बारे में आशंका है कि वह अफगानिस्तान भाग गया है। श्रीनगर पुलिस द्वारा मध्य अक्टूबर में नौगाम के बूनपोरा में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले पोस्टर चिपकाने की घटना की जांच के दौरान पूरे मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था। जांचकर्ताओं को इस मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिली और वे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां नवंबर में डॉ. मुजफ्फर गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। 

तीन मुख्य आरोपियों में इसका नाम

जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि तीन प्रमुख डॉक्टर- डॉ. गनई, डॉ. उमर नबी (लाल किले के पास विस्फोट में 15 लोगों की जान लेने वाली विस्फोटक से भरी कार का चालक) और मुजफ्फर राथर - इस मॉड्यूल को चला रहे थे। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 84 किसी व्यक्ति को ‘भगोड़ा अपराधी’ घोषित करने की प्रक्रिया से संबंधित है। इसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए फरारा आरोपी के लिए लिए स्थानीय स्तर पर पढ़कर सार्वजनिक घोषणा करना, उसके घर/गांव पर नोटिस चिपकाना, अदालत में नोटिस लगाना और संभावित रूप से समाचार पत्रों में प्रकाशन करना आवश्यक है।

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