Saturday, April 27, 2024
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जम्मू-कश्मीर में कस रहा आतंकवाद पर शिकंजा? पिछले 4 सालों में 5 गुना बढ़ी गिरफ्तारियां

आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2019 के बीच आतंकी हमलों में 329 पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी जबकि 5 अगस्त 2019 के बाद 146 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: August 22, 2023 21:20 IST
Jammu and Kashmir, Jammu and Kashmir News, Kashmir News- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV जम्मू एवं कश्मीर में पिछले 4 सालों में टेरर केस से जुड़ी गिरफ्तारियों में 5 गुना का इजाफा हुआ है।

जम्मू: अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े मामलों में 2300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि यह संख्या 2015 से 2019 के बीच की गई गिरफ्तारियों की संख्या की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। आधिकारिक आंकड़ों में दी गई जानकारी के मुताबिक, अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद 5 अगस्त 2019 से 20 जून 2023 तक जम्मू-कश्मीर की समग्र सुरक्षा स्थिति में जबरदस्त सुधार देखा गया है। इस दौरान नागरिकों व सुरक्षा बलों के हताहत होने, ग्रेनेड हमलों, IED धमाकों, आतंकियों की भर्ती और पथराव की घटनाओं में कमी आई है।

बीते 4 सालों में आतंकियों की भर्ती में आई कमी

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद कुल 2327 आतंकवादी और उनके सहयोगी गिरफ्तार किए गए जबकि 2015 से 2019 के बीच इनकी संख्या 427 थी। पुलिस ने कहा कि 2015 से 2019 के बीच आतंकवादियों की भर्ती के 597 मामले सामने आए थे जबकि 2019 से 2023 के बीच ऐसे मामलों की संख्या 23 प्रतिशत गिरकर 461 रह गई।

बीते 4 सालों में मारे गए 675 से ज्यादा आतंकवादी
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा 5 अगस्त 2019 से जून 2023 तक सुरक्षाबलों से हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में 675 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जबकि 2015 से 2019 तक 740 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच आतंकी हमलों में 329 पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई थी जबकि 5 अगस्त 2019 के बाद 146 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई, जो पिछली अवधि की तुलना में 56 प्रतिशत कम है। आंकड़ों में कहा गया है कि पुलिस और सुरक्षा कर्मियों के चोटिल होने मामलों में 68 प्रतिशत की गिरावट का संकेत मिला है।

आतंकी हमलों में 4 साल में गई 107 लोगों की जान
इन आंकड़ों के मुताबिक, अनुच्छेद 370 निरस्त होने से पहले की अवधि में 899 कर्मियों के जबकि अनुच्छेद हटने के बाद की अवधि में 289 कर्मियों के घायल होने की जानकारी मिली। वहीं, आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या अनुच्छेद 370 हटने से पहले की अवधि में 119 थी, जो 370 हटने के बाद 107 रही। बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को कुछ विपक्षी दलों ने चुनौती दी है और इन दिनों इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

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