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कौन हैं रामदास सोरेन? जिन्हें चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में किया जाएगा शामिल

चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी जगह घाटशिला के झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक रामदास सोरेन को मंत्री बनाया जाएगा। जिस दिन रामदास सोरेन मंत्री पद की शपथ लेंगे उसी दिन चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल होंगे।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Aug 29, 2024 18:24 IST, Updated : Aug 29, 2024 18:24 IST
सीएम हेमंत सोरेन के साथ रामदास सोरेन- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA सीएम हेमंत सोरेन के साथ रामदास सोरेन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार शाम को मंत्री पद और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद मंत्री पद खाली है। चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी जगह घाटशिला के झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) विधायक रामदास सोरेन को मंत्री बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से रामदास सोरेन को मंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए राजभवन को पत्र भेज दिया गया है। 

कब लेंगे मंत्री पद की शपथ?

शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार 30 अगस्त को दिन के 11 बजे आयोजित किया जाएगा। इधर, चंपई सोरेन भी इसी दिन औपचारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे। रामदास सोरेन ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें मंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए सीएम हाउस से फोन आया है। चंपई सोरेन के जिम्मे उच्च एवं तकनीकी शिक्षा और जल संसाधन विभाग थे। संभावना जताई जा रही है कि रामदास सोरेन को ये दोनों विभाग दिए जाएंगे। 

कौन हैं रामदास सोरेन?

चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से राज्य के कोल्हान प्रमंडल में सियासी समीकरण प्रभावित हो सकता है। ऐसे में उनकी जगह रामदास सोरेन को मंत्री बनाए जाने के फैसले को सियासी 'डैमेज कंट्रोल' की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि 61 वर्षीय रामदास सोरेन भी चंपई सोरेन की तरह संथाल आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं और उनकी राजनीति भी कोल्हान प्रमंडल में केंद्रित रही है। 

रामदास सोरेन घाटशिला से दो बार विधायक चुने गए हैं। पहली बार 2009 में और दूसरी बार 2019 में विधायक बने। वह पूर्वी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष भी हैं। रामदास सोरेन झारखंड आंदोलन में भी सक्रिय रहे। उन्होंने शिबू सोरेन और चंपई सोरेन के साथ आंदोलन किया था। यह पहला मौका है, जब रामदास सोरेन को सरकार में जगह मिलने जा रही है। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हेमंत सोरेन ने उन्हें जिला परिषद में अहम पद दिया था। 

नाराज चल रहे थे चंपई सोरेन

गौरतलब है कि 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बनाए गए थे। फिर करीब पांच महीने बाद जब हेमंत सोरेन जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए तो उसके छठे दिन 4 जुलाई को ही चंपई सोरेन से इस्तीफा ले लिया गया था और हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, हेमंत सोरेन की सरकार में चंपई सोरेन मंत्री के रूप में शामिल हुए थे, लेकिन वह नाराज चल रहे थे। उन्होंने 18 अगस्त को सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपनी व्यथा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि उनसे अपमानजनक तरीके से सीएम पद से इस्तीफा लिया गया। (IANS)

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