Thursday, March 20, 2025
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भूकंप आए तो घबराएं नहीं ऐसे करें बचाव, जान बचाने के लिए फॉलो करें ये ज़रूरी टिप्स

दिल्ली-NCR में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर तेज झटकों के साथ धरती हिली है। ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं अगर भूकंप आए तो बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Feb 17, 2025 7:47 IST, Updated : Feb 17, 2025 7:47 IST
भूकंप आए तो ऐसे करें बचाव
Image Source : SOCIAL भूकंप आए तो ऐसे करें बचाव

दिल्ली-NCR में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर तेज झटकों के साथ धरती हिली है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है। इसका केन्द्र जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि दिल्ली-NCR की पूरी जमीन तेज आवाज के साथ कांपने लगी। दिल्ली में भूकंप के झटके 10 सेकेंड तक महसूस किए गए हैं। दिल्ली में आए भूकंप को लेकर लोग काफी डरे हुए हैं। ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं अगर भूकंप आए तो बचाव के लिए क्या करना चाहिए? 

भूकंप के दौरान कैसे करें बचाव?

यदि अचानक भूकंप आ जाए घर से बाहर खुले में निकलें। घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। 

अगर घर के अंदर हैं तो क्या करे? 

ज़मीन पर लेट जाएँ; किसी मज़बूत टेबल या फ़र्नीचर के नीचे छिप जाएँ; और कंपन बंद होने तक अपने आपको थामे रखें। अगर आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है, तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढँक लें और इमारत के अंदर के कोने में दुबक जाएँ। किसी दरवाज़े की चौखट के नीचे, कमरे के कोने में, टेबल के नीचे या यहाँ तक कि बिस्तर के नीचे रहकर खुद को सुरक्षित रखें। कांच, खिड़कियों, बाहरी दरवाज़ों और दीवारों और गिरने वाली किसी भी चीज़ (जैसे लाइटिंग फ़िक्सचर या फ़र्नीचर) से दूर रहें। अगर आप भूकंप आने पर बिस्तर पर हैं तो उसी पर ही रहें। आश्रय के लिए दरवाज़े का इस्तेमाल तभी करें जब वह आपके नज़दीक हो और आपको पता हो कि यह मज़बूती से टिका हुआ। जब तक कंपन बंद न हो जाए और बाहर जाना सुरक्षित न हो जाए, तब तक अंदर रहें।  ज़्यादातर चोटें तब लगती हैं जब इमारतों के अंदर के लोग इमारत के अंदर किसी दूसरी जगह जाने की कोशिश करते हैं या बाहर निकलने की कोशिश करते हैं।

अगर बाहर हैं तो क्या करें? 

अगर बाहर हैं तो जहाँ हैं वहाँ से न हिलें। हालाँकि, इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट और यूटिलिटी तारों से दूर रहें। अगर आप खुली जगह पर हैं, तो कंपन बंद होने तक वहीं रहें। सबसे बड़ा ख़तरा इमारतों के बाहर, निकास द्वारों पर और बाहरी दीवारों के साथ-साथ होता है। ज़्यादातर भूकंप से जुड़ी दुर्घटनाएँ ढहती दीवारों, उड़ते हुए कांच और गिरती हुई वस्तुओं के कारण होती हैं।

अगर चलती गाड़ी में हैं तो क्या करें? 

सुरक्षा के हिसाब से जितनी जल्दी हो सके रुकें और गाड़ी में ही रहें। इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और यूटिलिटी तारों के पास या नीचे रुकने से बचें। भूकंप बंद होने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें। भूकंप से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों, पुलों या रैंप से बचें।

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